यादव ने बताया कि उत्कृष्ट विद्यालय राउप्रावि रातापानी प्रथम में निरीक्षण दौरान नामांकित 292 में से 232 बच्चे उपस्थित मिले। गत सत्र के नामांकन की तुलना में 16 विद्यार्थी कम है। जबकि, प्रवेशोत्सव में 10 प्रतिशत बढोत्तरी करनी थी। विद्यालय के शौचालयों, विद्यालय परिसर, रसोईघर एवं कक्षा-कक्षों में स्वच्छता का अभाव मिला। कक्षाओं के श्यामपट्टों पर ही वर्तनी दोष मिला। अब तक मीना मंच एवं बाल संसद का गठन नहीं किया। विद्यालय में सेनेट्री नेपकिन के लिए इंसीनरेटर का अभाव मिला। विषयाध्यापकों ने दैनिक योजना डायरी, शिक्षण योजना का संधारण ही नहीं किया है। विषयाध्यापक योजना अनुरूप अध्यापन कार्य भी नहीं करवाते मिले। अध्यापकों ने बच्चों को न तो पर्याप्त मात्रा में कक्षा कार्य और नहीं गृहकार्य करवाया है।
संस्थाप्रधान शिक्षण कार्यों का नियमित अवलोकन भी नहीं कर रहे। आज दिनांक तक किसी भी कक्षा में किसी भी बालक की अभ्यास पुस्तिकाओं का निरीक्षण किया गया है। एसआईक्यूई में लेवल प्रथम के अध्यापकों के द्वारा अध्यापक योजना डायरी (पाक्षिक) का संधारण नहीं किया है। अध्यापकों ने विद्यार्थियों का आधार रेखा-कक्षा पदस्थापन कार्य नहीं किया है। छात्र पोर्टफोलियो नहीं मिली। बच्चों की प्रगति को पीटीए-एसएमसी की बैठकों में सांझा नहीं किया गया है। एसएमसी और पीटीए की बैठकों का आयोजन ही नहीं हुआ है। कक्षा पांच अंग्रेजी एवं कक्षा चार हिन्दी की कक्षा के विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर न्यून मिला।
एमडीएम में 232 विद्यार्थियों के लिए छह किलो आलू, दो किलो गोभी की सब्जी बनाई गई थी। जबकि, आलू हरी सब्जी में नहीं आते हैं। प्रति छात्र 60-60 ग्राम की एक-एक रोटी दी गई। एमडीएम रिकार्ड के मुताबिक खाद्यान्न स्टॉक अधिक मिला। वाउचर फाइल में ढाई हजार रुपए गलत पाए गए।
एडीपीसी यादव ने निरीक्षण रिपोर्ट आयुक्त, निदेशक, उपनिदेशक एवं जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित कर पीईईओ जेलाणा एवं बीईईओ बिछीवाड़ा को क्षेत्र के विद्यालयों में निरीक्षण दौरान मिली खामियों पर कार्रवाई नहीं कर पाने के पीछे रहे कारणों को तीन दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही रातापानी प्रथम एवं द्वितीय को भी तीन दिन में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।