शाम चार बजे निकले अहमदाबाद जाने
पुलिस व पारिवारिक सूत्रों के अनुसार महंत सोमवार शाम करीब चार बजे गुजरात के अपने अनुयायी अक्षय उर्फ सन्नी के साथ अहमदाबाद में किसी भक्त के निवास पर बैठक में भाग लेने कार से अहमदाबाद जाने के लिए रवाना हुए। मार्ग में हाईवे पर एक होटल में कुछ देर रूके तथा अल्पाहार भी किया। इसके बाद आगे बढ़े। सुनोक गांव के पास कार से भीषण टक्कर हो गई। इससे महंत के सिर पर गंभीर चोटें आई। हादसे के बाद एक बार तो महंत खुद गाड़ी से बाहर आकर सड़क पर बैठे इस दौरान काफी मात्रा में खून बह रहा था। आसपास से एकत्र लोगों ने शामलाजी के सिविल अस्पताल पहुंचाया, वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चालक अक्षय को भी चोटें आई हैं, उसका इलाज जारी है। इधर वरदा थानाधिकारी साकरचंद ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि अहमदाबाद रवानगी से पूर्व महंत व्यक्तिगत कार्य से थाने पर भी आए थे।
डूंगरपुर से पहुंचे भक्तजन
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही डूंगरपुर से भक्तजन शामलाजी के लिए निकल पड़े। महंत के साथ अक्षय उर्फ सनी ने डूंगरपुर निवासी भुवनेश भावसार को फोन पर घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर भावसार ने बिछीवाड़ा धाम के महंत महेंद्रसिंह से बात कर मनोज खटीक के साथ शामलाजी के लिए निकल गए। इस बीच इन्होंने शामलाजी मठ के महंत महामंडलेश्वर हरिकिशोर दास महाराज और रामबोला मठ के महाराज शिवशंकर दास से संपर्क किया। तब ये दोनों संत महाराष्ट्र थे। इन्होंने तत्काल ही शामलाजी में अपने भक्तों को इस आशय की जानकारी देकर घटनास्थल पर भेजा।
वरदा में जुटे भक्त
इधर, खबर पाते ही डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर आदि क्षेत्रों से भक्तजन वरदा पहुंचने लगे। शामलाजी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव देह को वरदा लाया जाएगा। वहां संत परंपरा के तहत अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसमें हजारों भक्तों के शामिल होने की संभावना है।