मिली जानकारी अनुसार ब्लॉक मुख्यालय पर स्थित सबसे प्राचीनतम विद्यालयों में शामिल बालिका विद्यालय 1954 से संचालित है। विद्यालय का भवन जर्जरहाल हो चुका है। ऐसे में दो दिन पूर्व वर्षा के दौरान अचानक एक कक्ष की छत ढह गई। इससे इस कक्ष में तो फर्श सहित काफी नुकसान हुआ ही है। वहीं, पास में ही स्थित एक अन्य कक्षा कक्ष में भी दरारे आ गई हैं। इस दौरान काफी नुकसान भी हुआ है।
कार्यवाहक संस्था प्रधान भाषा जोशी ने बताया कि विद्यालय में संस्था प्रधान का पद वर्षों से रिक्त हैं। ऐसे में काफी समस्याएं आ रही हैं। पूर्व में एसडीएमसी की बैठकों के माध्यम से विद्यालय की मरम्मत के लिए पत्र विभाग को भेजे हैं।
सरकारी विद्यालय की ऐसी है हालत वर्तमान में विद्यालय का नामांकन 314 का है। कक्षा-कक्षों के क्षतिग्रस्त होने के बाद तीन कक्षों में कक्षाएं शामिल कर बच्चों को पढ़ाया जा रहा हैं। फिलहाल कक्ष एक पांच, छह से आठ एवं नवमीं-दसवीं कक्षाओं को शामिल पढ़ाई करवाने की मजबूरी है। अन्य कक्षा-कक्ष भी टपक रहे हैं। विद्यालय की इस घटना के बाद अभिभावकों में रोष है। अधिकतर अभिभावक विद्यालय पहुंच स्कूल प्रशासन से मरम्मत की मांग कर रहे हैं।
करौली में भी गिर चुकी है सरकारी स्कूल के कमरे की छत करौली जिले के हिंडौन तहसील के श्रीमहावीरजी कस्बे में गुरुवार रात हुई बारिश में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के एक कक्षा कक्ष की छत भी भरभरा कर गिर गई थी। वहां भी गनीमत रही कि घटना के दौरान विद्यालय बंद था। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। अगले दिन सुबह शिक्षक व विद्यार्थी विद्यालय पहुंचे तो कक्षा कक्ष की छत गिरी मिली। पचास वर्ष से अधिक पुराने कक्षों का मरम्मत व रखरखाव नहीं करने में शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आई है। लोगों का कहना है कि घटना रात के समय हुुई। विद्यालय बंद होने के कारण हादसा टल गया वरना हादसा बड़ा हो सकता था।