न्यायालय के फैसले के अनुसार सभी आरोपियों को कुल 2.97 लाख रुपये जुर्माने की राशि अदा करनी होगी। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा और बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता एकलाख अहमद, सैयद हसन सनोवर और अच्युत केशव ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया। अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 11 गवाह पेश किए गए।
अपर लोक अभियोजक सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा ने बताया कि पीडिता के बयान पर दुमका मुफस्सिल थाना में 17 आरोपियो के खिलाफ कांड संख्या 97/2017 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीडिता 6 सितंबर 2017 की शाम अपने एक पुरुष मित्र के साथ दुमका मुफस्सिल थाना क्षेत्र में दिग्घी गांव अवस्थित सिदो-कान्हु मुर्मू विश्व विद्यालय परिसर घुमने गई थी। इसी क्रम में आरोपियो ने मोबाईल छीन लिया और हथियार के भय दिखाकर सामूहिक रूप से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महज दो दिन के भीतर 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन एक आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। शेष अन्य पांच आरोपियों का मामला विशेष न्यायाधीश बाल न्यायालय में विचाराधीन है।