मस्तिष्क की तरंगों से यह आता है शरीर में परिवर्तन
जयपुरPublished: Apr 16, 2019 04:30:28 pm
मस्तिष्क में कई कोशिकाएं होती है। इनमें तरंगों का संचार होता है। अत्याधिक मात्रा में तरंगें आने से शरीर में होने वाली गति व परिवर्तनों को मिर्गी का दौरा कहते हैं।
मस्तिष्क की तरंगों से यह आता है शरीर में परिवर्तन
कारण लक्षण और इलाज
कारण: दुर्घटना से मस्तिष्क में गंभीर चोट आना। सिर के बल ऊंचाई से गिरना, तेज बुखार, मस्तिष्क ज्वर, मस्तिष्क में रक्त नलियों की विकृति व पक्षाघात, शराब पीना, रक्त में सोडियम कैल्शियम व शर्करा की असामान्यता। मस्तिष्क में बैक्टीरिया मैनिन जाइटिस होना।
लक्षण व इलाज: शरीर का असामान्य मुडऩा व अकडऩा, होश खो देना, कपड़ों को बार-बार छूना, दांतों, जबड़ों व जीभ को भींचना, मुंह से झाग आना, होश खो देना। मिर्गी का इलाज 3 से 5 साल तक चलता है।
रखें ध्यान
दौरा आने पर मरीज को आराम से लिटाकर कपड़े ढीले करें। खुली हवा में सांस लेने दें। दौरे के समय मुंह में पानी डालने, दवा खिलाने, जबड़े को खोलने, तीव्र गंध सुंघाने का प्रयास न करें।
अन्य सावधानियां
रोगी को तैरने न दें। ड्राइविंग न करें। दुपहिया वाहन में पीछे बैठते समय भी ध्यान रखें। नॉनवेज, तैलीय भोजन न खाएं। फल, हरी सब्जी खाएं व दूध पीएं।
डॉ. आर.के. सुरेका, वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट