पहला हफ्ता
शुरुआती कुछ दिन विशेष एहतियात रखें। हल्का भोजन लें। सामान उठाना, सफाई और कपड़े धोने जैसे भारी काम न करें। रात को अच्छी नींद लें। डॉक्टर की सलाह से रोजाना एक से दो बार सीढ़िया चढ़ें। घर में ही वॉक करें। एक सप्ताह होते ही डॉक्टर को जरूर दिखाएं। दवा व जांचें नियमित रूप से कराएं।
दूसरा और तीसरा हफ्ता
दिन में दो से तीन बार सीढ़ियां चढ़ें। दाल-चपाती, हरी सब्जियां,फल दूध आदि ले सकते हैं। खाने के कम से कम एक घंटे बाद घूमने जाएं, लेकिन दूरी कम रखें। पांच मिनट की वॉक से कर सकते हैं। इन दो हफ्तों में घर का हल्का-फुल्का काम भी कर सकते हैं।
चौथे से छठा हफ्ता
चार हफ्ते बाद आमतौर पर डॉक्टर की सलाह से घूमना, ड्राइविंग और थोड़ी बहुत स्पोट्र्स एक्टिविटी (टेनिस) कर सकते हैं। सुबह-शाम मिलाकर एक से डेढ़ किमी की वॉक कर सकते हैं। छह हफ्तों के बाद कार्डियक रिहेबिलिटेशन प्रोग्राम में शामिल होना चाहिए। इससे आपको व्यायाम और खानपान के बारे में पता चलता है। डॉक्टर की सलाह से घूमना, तैरना और साइकिल चलाना किया जा सकता है।
चीनी-नमक कम खाएं, थोड़ी सैर करें-
हृदयाघात के बाद दिल की धमनियों को सही रखने के लिए इलाज लेना जरूरी हो जाता है। यह दूसरे दौरे से बचाता है। मरीज कम फैट और ज्यादा फाइबर वाला भोजन लें। नमक- चीनी का सेवन कम करें। फास्टफूड का सेवन बंद कर देना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके घूमना शुरू कर देना चाहिए।
एक ही तेल में बनीं चीजों से बचें-
खाने में वसा, मीठे व नमक का सेवन कम रखें। कड़ाही के ट्रांससेचुरेटेड फैट (एक ही तेल में बनीं चीजें) से बचें। इन्हें बार-बार गर्म किया जाता है और इसमें नमक की मात्रा अधिक होती है।