आमतौर पर दिवाली के बाद तापमान गिरने से मच्छरों का प्रकोप कम होता है। इस कारण मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां जैसे डेंगू-चिकनगुनिया के मामलों में भी काफी कमी आ जाती है। लेकिन इसके मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। कुछ शोध बताते हैं कि ये बीमारियां फैलाने वाले एडीज मच्छर अब कम तापमान में भी रहने के आदी हो गए हैं। इसका कारण जानने के लिए ‘पत्रिका’ ने जयपुर, उदयपुर, जोधपुर व कोटा के विशेषज्ञों से बात की।
तापमान में अंतर- डेंगू के मुकाबले चिकनगुनिया के मामले ज्यादा दिखे हैं। दिवाली के बाद से मरीजों की संख्या तो घटी है लेकिन इसमें बहुत गिरावट नहीं आई है। रात में सर्दी व दिन में गर्मी के कारण मच्छर पेड़ों, झाडिय़ों में छिपकर बढ़ रहे हैं।
देर से दिखता प्रभाव - उदयपुर में डेंगू के मामले ज्यादा व चिकनगुनिया नहीं के बराबर हैं। हो सकता है कि मरीज को मच्छर ने करीब आठ-नौ दिन पहले काटा हो जिसका प्रभाव अब दिख रहा है क्योंकि पुष्टि ज्यादातर आठ-नौ दिन बाद होती है।
पर्यावरणीय बदलाव - तापमान 10 डिग्री से कम होने पर इनकी संख्या तेजी से घटती है। इन दिनों घर के बाहर यदि 20 के आसपास तापमान होगा तो घर के अंदर के कोनों, अलमारी के पीछे करीब 30 के आसपास होता है। यह स्थिति मच्छर के लिए सही है।
मच्छरों से करें बचाव - अभी सर्दियां ज्यादा नहीं आयी हैं इसलिए मच्छर अब भी हैं। यदि डेंगू-चिकनगुनिया के मरीज को काटने के बाद मच्छर घर के अन्य सदस्यको काटता है तो इसका वायरस उसे भी संक्रमित देता है। इसलिए मच्छरों से बचाव करें।