scriptनाक के बैक्टीरिया एंटीबायोटिक बन लड़ेंगे बीमारियों से | Nose bacteria will fight antibiotics from diseases | Patrika News

नाक के बैक्टीरिया एंटीबायोटिक बन लड़ेंगे बीमारियों से

locationबस्सीPublished: Jun 14, 2019 12:35:41 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ ट्यूबिंगन में शोध में पाया कि हमारे शरीर में पाचनतंत्र से लेकर नाक तक कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो रोगों की वजह बनने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबायोटिक का काम करते हैं।

Nose bacteria

Nose bacteria

ह हुई खोज
खासतौर पर हमारे नाक में पाया जाने वाला अच्छा बैक्टीरिया ‘स्टेफीलोकोकस लग्ड्युनेन्सिस’ एक विशेष कैमिकल (लग्ड्युनिन) का निर्माण करता है जिसमें एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं। यह कैमिकल सुपरबग ‘एमआरएसए’ यानी मेथीसिलिन रेसिस्टेंट स्टेफीलोकोकस ऑरियस को खत्म करने में सक्षम है। यह केवल अणु नहीं है बल्कि यह सूक्ष्मजीवीरोधी की नई प्रजाति है।
अच्छे बैक्टीरिया भी शरीर के लिए एंटीबॉडी का काम करते हैं
2-3 प्रतिशत लोगों में कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण इसका अभाव होता है। लेकिन यह सही है कि शरीर में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया भी शरीर के लिए एंटीबॉडी का काम कर बाहरी तत्त्वों को नष्ट करते हैं। यह विस्तृत शोध है जो कई स्टेज में पूरा होता है।
त्वचा रोगों में फायदेमंद
जिन मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनमें एमआरएसए इंफेक्शन के लिए ली गई दवाएं एक समय बाद बेअसर होने लगती हैं। इसका कारण इंफेक्शन का कारक बैक्टीरिया जिसमें भी अहम स्टैफ है, अनेक दवाओं के प्रभाव को बेअसर कर परेशानी को बढ़ाता रहता है। इससे त्वचा पर दाद, खुजली, घाव व फोड़े-फुंसियों की समस्या होने लगती है।
इनपर हुआ शोध
रिसर्च में शोधकर्ताओं ने करीब 10 चूहों को एमआरएसए इंफेक्शन के दो-दो इंजेक्शन लगाए। इनमें से केवल 5 को लग्ड्युनिन की सीमित डोज दी गई। निष्कर्ष के रूप में अगले तीन दिन में ही इनमें इंफेक्शन न के बराबर रह गया था। इसलिए शोधकर्ताओं ने प्राकृतिक तरीके से बनाए गए एंटीबायोटिक के बजाय व्यक्ति के शरीर के ही अच्छे बैक्टीरिया को सक्षम माना।
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