डेंगू के लक्षणों को इस तरह पहचानें –
रोगी को करीब पांच दिनों तक तेज बुखार के साथ अधिक सर्दी लगती है । सिरदर्द, कमरदर्द, जोड़ों का दर्द, थकावट और कमजोरी महसूस होती है। हल्की खांसी, गले में खराश और उल्टी के साथ ही लाल रंग के दाने दिखें । ये दाने दो चरणों में, पहले शुरू के 2-3 दिन और बाद में 6-7वें दिन दिखता है। प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं, इसे कंट्रोल करना ? जरूरी होता है। प्लेटलेट्स कम होने के साथ शरीर के किसी भी अंग से रक्त बहना। खून की उल्टियां व मल में भी ब्लड आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
जानें क्या होती हैं प्लेटलेट्स –
प्लेटलेट्स ब्लड का ही एक हिस्सा होती हैं जो रोजाना बनती व नष्ट होती हैं। इसकी औसत आयु 4-7 दिन मानी जाती है, यह ब्लड का मुख्य हिस्सा है । प्लेटलेट्स का काम शरीर में ब्लड को नियंत्रित रखना है ।प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर खून का थक्का नहीं बनता है। शरीर के अंगों से ब्लड बाहर आने लगता है (अंदरूनी रक्तस्राव होना) । इसकी जांच के लिए कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट कराते हैं।
डेंगू का इस तरह किया जाता है इलाज –
साधारण डेंगू बुखार है तो इलाज व देखभाल घर पर भी हो सकती है। डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल ( कॉसिन आदि) ले सकते हैं। कोई भी दर्द निवारक दवा न लें, इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं। अगर बुखार 102 डिग्री से ज्यादा है तो शरीर पर पानी की पट्टियां रखें। सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें, बुखार में ज्यादा खाने की जरूरत
डेंगू के मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल चीजें भी देनी चाहिए । डेंगू में मरीज को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए।
डेंगू में बरतें ये सावधानियां –
मरीज को ठंडा पानी न पीने को देंं, मैदा और बासी खाना न खाएं। खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा इस्तेमाल करें। इस मौसम में मिलने वाली पत्तेदार सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं। हल्का खाना खाएं जो आसानी से पच सके और पर्याप्त नींद लें । मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं। खूब पानी या कोई भी लिक्विड लें और पानी को उबालकर ही पीएं । डेंगू के मरीजों को छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि देना लाभकारी होता है।
डेंगू का खतरा इन्हें अधिक रहता है –
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले जल्द बीमार पड़ते हैं। डेंगू में भी ऐसे लोग जल्दी ही चपेट में आ जाते हैं, इससे बचें
इसके साथ बच्चों, बुर्जुर्गों और गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा होता है। इसकी वजह इन लोगों की इम्यूनिटी अन्य की तुलना में कमजोर रहती है।
मच्छरों से बचने के उपाय –
किसी भी खुले बर्तन व गड्ढे में पानी एकत्र नहीं होने दें।
बाल्टी या किसी बर्तन में पानी एकत्र करते हैं तो इसे ढकना नहीं भूलें।
कूलर की नियमित रूप से सफाई करवाएं, नालियां भी बहती रहनी चाहिए।
मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करें।
खिड़की व दरवाजों में जाली लगाकर रखें।
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें ।