scriptजुड़ी हुई जीभ से बच्चों में होती है ये समस्याएं | know about Ankyloglossia | Patrika News

जुड़ी हुई जीभ से बच्चों में होती है ये समस्याएं

locationजयपुरPublished: Apr 25, 2019 05:40:49 pm

यह मुंह में जन्म के साथ होने वाली विकृति है। ये 5 से 10 प्रतिशत बच्चों में पाई जाती है। यह समस्या आमतौर पर लड़कों में ज्यादा होती है।

know-about-ankyloglossia

यह मुंह में जन्म के साथ होने वाली विकृति है। ये 5 से 10 प्रतिशत बच्चों में पाई जाती है। यह समस्या आमतौर पर लड़कों में ज्यादा होती है।

गटाई जिसे आम बोलचाल में ‘जुड़ी हुई जीभ या जीभ का मोटा तांतु’ होना भी कहते हैं। यह मुंह में जन्म के साथ होने वाली विकृति है। ये 5 से 10 प्रतिशत बच्चों में पाई जाती है। वैसे यह समस्या आमतौर पर लड़कों में ज्यादा होती है। ऐसा जीभ की निचली सतह को मुंह के निचले भाग से जोडऩे वाले तांतुनुमा फ्रेनुलम के असामान्य रूप से मोटा, छोटा और कड़ा होने की वजह से होता है। इससे जीभ पूरी तरह गति नहीं करती व कुछ मामलों में पूरी बाहर नहीं आ पाती जिसे एनकाइलोग्लोसिया भी कहते हैं।

ओरल हाइजीन का अभाव –
इस अवस्था का दुष्प्रभाव बच्चों में कम या ज्यादा अलग-अलग हो सकता है। कुछ बच्चों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वहीं इस समस्या के कारण देखने में आया है कि कुछ बच्चों में यह स्थिति बोलने और खाने या निगलने को प्रभावित कर देती है। इसके अलावा कई मामलों में ब्रेस्टफीड करने में दिक्कत आती है। वहीं जीभ की पूरी तरह मूवमेंट न होने से ओरल हाइजीन यानी दांतों व मसूड़ों की ठीक से सफाई नहीं हो पाती।

फ्रेनुलोप्लास्टी से इलाज –
यदि इससे किसी तरह की कोई खास समस्या नहीं हो रही है तो विशेष इलाज की जरूरत नहीं होती है। लेकिन यदि बोलने या खाने में दिक्कत हो तो इसे ठीक किया जाता है। छोटे शिशुओं में इस तांतु को काट दिया जाता है। लेकिन उम्र अधिक होने या यह तांतु ज्यादा मोटा होने पर इसे सर्जरी से दुरुस्त किया जाता है। इस उपचार को फ्रेनुलोप्लास्टी कहते हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो