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हाइपर सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस से एेसें रखें बचाव

locationजयपुरPublished: Jul 19, 2019 06:17:21 pm

संवेदनशील व्यक्ति की सांस में कुछ एलर्जन्स के जाने से फेफड़ों में सूजन व घाव हो जाते हैं

hypersensitivity pneumonitis

हाइपर सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस से एेसें रखें बचाव

संवेदनशील व्यक्ति की सांस में कुछ एलर्जन्स के जाने से फेफड़ों में सूजन व घाव हो जाते हैं। इस बीमारी को हाइपर सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस (एच.पी.) कहते हैं।पशुपालन, कूलर व एयरकंडीशनर में लगी फंगस, पेंट व स्प्रे, कबूतर की बीट और फफूंद लगा हुआ चारा या स्थानों के संपर्क में आने से यह बीमारी होती है।
प्रकार और लक्षण
इस बीमारी की शुरुआत दो प्रकार से होती है। एक तेज गति से और दूसरा धीमी गति से। तेज गति से होने वाली एच.पी. कम समय में अधिक एलर्जन्स वाले वातावरण के संपर्क में आने के कुछ घंटों बाद होती है। रोगी को बुखार, शरीर में दर्द खासकर सिर व सीने में, खांसी और सांस फूलने जैसी परेशानी होने लगती है। धीरे -धीरे होने वाली एच. पी. उन लोगों में होती है जो नियमित रूप से या अचानक विपरीत एलर्जन वाले वातावरण के संपर्क में आते हैं। बीमारी के इस प्रकार में रोगी को तुरंत लक्षण नहीं दिखते। हल्का बुखार, वजन घटना और सांस संबंधी परेशानी होती है।
जांच
चेस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन के अलावा फेफड़ों की कार्यक्षमता जानने के लिए स्पाइरोमेट्री करते हैं। ब्लड टैस्ट से एलर्जन के कारण शरीर में उत्पन्न हुई एंटीबॉडी की मात्रा पता लगाई जाती है। कई मामलों में एंडोस्कोपी, बायोप्सी और ब्रॉन्कोस्कोपी भी करते हैं।
बचाव
घर के आसपास या काम के स्थान पर लंबे समय तक खुले में पानी भरकर न रखें। घर में कहीं भी नमी न बढ़ने दें। यह फफूंद का कारण है जो परेशानी की मुख्य वजह है।घर से बाहर निकलते समय मुंह को रुमाल से जरूर ढकें।

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