होम्योपैथी में चोट लगने पर आर्निका मोंटाना का प्रयोग सबसे पहले किया जाता है। चोट लगने या गिरने के कारण किसी भी तरह की बीमारी के लिए आर्निका काफी उपयोगी होती है।
मोच आने, याददाश्त कमजोर होने, पक्षाघात, मस्तिष्क में गड़बड़ी, बेहोशी, अनजाने में पाखाना-पेशाब होना, उदासीनता, खून की खराबी से होने वाली बीमारियां और दर्द वाले फोड़े-फुंसियों आदि में इसका प्रयोग किया जाता है।
चोट या मोच से होने वाले नीले या काले दागों को भी यह दवा एंटीसेप्टिक की तरह ठीक करती है। इस दवा को मरीज के लक्षणों के आधार पर दिया जाता है। डिलीवरी के बाद 30 पोटेंसी में दी गई आर्निका महिला के दर्द और तकलीफ को कम करती है। इसे दिन में पांच बार लगभग 10-15 दिन तक लेना होता है।
आर्निका टायफॉइड, मुंह में लगातार लार या पानी आने और खट्टी डकारों में भी फायदा करती है। इसे लेते समय खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए।