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शरीर में लम्बे समय से हो रहे दर्द को न करें नजरअंदाज

locationजयपुरPublished: Jul 14, 2019 04:57:31 pm

फाइब्रोमायल्जिया में शरीर की सभी छोटी-बड़ी व नाजुक हड्डियों और मांसपेशियों में तेज दर्द की समस्या होती

Fibromyalgia

शरीर में लम्बे समय से हो रहे दर्द को न करें नजरअंदाज

फाइब्रोमायल्जिया एक गंभीर बीमारी है। इसमें शरीर की सभी छोटी-बड़ी व नाजुक हड्डियों और मांसपेशियों में तेज दर्द की समस्या होती है। इस बीमारी में हल्के दबाव की वजह से भी मरीज को दर्द महसूस होने लगता है। शरीर में दर्द होने के चलते बीमारी की पहचान के कई ट्रिगर पॉइन्ट भी होते हैं। जानें रोग के कारण, लक्षण व उपचार के बारे में –
मुख्य कारण
आनुवांशिकता रोग की प्रमुख वजह हो सकती है। इसके अलावा किसी प्रकार का संक्रमण, हार्मोनल और दिमाग में रासायनिक गड़बड़ी से दिमाग शरीर को सही निर्देश नहीं दे पाता। कई मामलों में पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (किसी घटना के बाद उससे संबंधिक तनाव की स्थिति) की वजह से भी दिमाग पर असर पड़ता है।
लक्षण
मानसिक और शारीरिक कार्यों में तालमेल न बैठा पाना प्रमुख परेशानी बनकर उभरती है। शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक दर्द होना, थकान, नींद न आने की समस्या, लंबे समय तक नींद लेने के बाद भी रिलैक्स महसूस न कर पाना, सिरदर्द, तनाव, बेचैनी, एकाग्रक्षमता में कमी और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
जांच व पहचान
मरीज को यदि बिना किसी कारण के फाइब्रोमाइल्जिया के लक्षण तीन माह तक महसूस होते हैं तो इसी के आधार पर रोग की पहचान होती है। लक्षणों को अनदेखा न करें।

किसे ज्यादा खतरा
ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं। जिसके कारण अज्ञात हैं। जिन्हें रोग की फैमिली हिस्ट्री रही हो उन्हें भी इसका खतरा बना रहता है। इसके अलावा यह आर्थराइटिस का रूप नहीं है लेकिन जो लोग ऑटोइम्यून रोग जैसे रुमेटॉयड आर्थराइटिस या ल्यूपस से पीड़ित हैं उनमें इसकी आशंका बनी रहती है।
इलाज
मरीज को दवाओं के अलावा जीवनशैली में बदलाव करने और कुछ थैरेपी अपनाने की सलाह दी जाती है। जैसे दर्द दूर करने के लिए पेनकिलर और स्वभाव में आए बदलाव को सुधारने के लिए एंटीडिप्रेशन व एंटीसीजर दवाएं दी जाती हैं। इसके अलावा पौष्टिक डाइट में दूध व दूध से बने प्रोडक्ट लेने की सलाह देते हैं।
ये हैं ट्रिगर पॉइंट्स
दर्द होना आम है जो विशेषकर सिर के पीछे, कंधों के ऊपरी हिस्से, सीने के ऊपरी भाग, कूल्हों, घूटने, कोहनी के बाहरी हिस्से में दर्द होना रोग की ओर इशारा करता है। ये दर्द तभी रोग की आशंका बढ़ाते हैं जब ये तीन माह से ज्यादा समय के लिए हों।
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