लंग्स में सूजन (Swelling in lungs) एक गंभीर समस्या हो सकती है जो कई बीमारियों के पीछे छुपी होती है। कोरोना संक्रमण (Corona infection) के बाद इस समस्या का प्रकार बढ़ गया है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और निमोनिया जैसी बीमारियाँ भी लंग्स में सूजन (Swelling in lungs) का कारण बन सकती हैं। सूजन के लक्षणों को ध्यान में रखकर समय रहते इसका उपचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कई बार फेफड़ों की सूजन (Swelling in lungs) जानलेवा तक साबित होती है, क्योंकि इसके लक्षणों को नजरअंदाज किया जाता है। फेफड़े के वायुमार्ग में जब सूजन आने लगती है तो ब्रोन्कियल अस्थमा का खतरा बढ़ता है। इससे वायुमार्ग पतला होता जाता है और लंग्स में बलगम ज्यादा बनने लगता है। फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि लंग्स में सूजन रिस्की होता है।
पल्मोनरी एडिमा यानि लंग्स में सूजन (Swelling in lungs) कई बार अचानक ही नजर आता है और इसके लक्षण को सामान्य कफ या दिक्कत समझ कर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
1. लंबी-लंबी सांस लेना यानि मुंह खोलकर सांस लेना
2. सांस लेते समय ऐसा महसूस होना जैसे दम घुट रहा हो
3. थूक वाली खांसी आना
4. खांसी में खून का आना
5. सांस लेते समय गले और छाती के बीच घरघराहट महसूस होना
6. बिना काम किए थकान या हांफना, बात करते हुए भी सांस फूलना
7. स्किन का रुखा होना
8. बेचैनी और घबराहट महसूस होना
9. बार-बार गले में कफ का आना
10. गले या छाती में कुछ फंसा महसूस होना या भारीपन
11. कफ या बलगम का रंग बदलना। जैसे काला, हरा, भूरा, मटमैला आदि होना
- पानी की पर्याप्त मात्रा में सेवन करें। गरम पानी और हर्बल चाय का सेवन करें, जो गले को हाइड्रेटेड रखता है और फेफड़ों की साफ़ी में मदद करता है।
- लहसुन और प्याज का अधिक सेवन करें, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अखरोट, बींस, दूध, और अलसी के बीज का सेवन करें, जो लंग्स को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।
जब लंग्स में सूजन हो, तो ये बातों का ध्यान रखें: Swelling in the lungs, keep these things in mind:
- सिगरेट और अन्य धूम्रपान से दूर रहें। मास्क पहनें ताकि धूल और प्रदूषण के खिलाफ सुरक्षित रहें।
- शराब और नशीली दवाओं से बचें। मारिजुआना, कोकीन, और अन्य ड्रग्स लंग्स में सूजन का कारण बन सकते हैं।
- भारी व्यायाम से बचें। ये लंग्स की सूजन को बढ़ा सकते हैं। धीरे-धीरे व्यायाम जैसे टहलना, साइकिलिंग, और प्राणायाम को अपनाएं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।