scriptपाटनगढ पंचायत के पोषक ग्राम सुनपुरी का मामला, भीषण गर्मी में गहराया जलसंकट | The issue of the nutritious village of Sunpuri of Patangarh Panchayat, | Patrika News

पाटनगढ पंचायत के पोषक ग्राम सुनपुरी का मामला, भीषण गर्मी में गहराया जलसंकट

locationडिंडोरीPublished: May 26, 2019 10:07:08 pm

Submitted by:

Rajkumar yadav

आने वाले दिनो में विकराल रूप धारण कर लेगी पानी की समस्या एक गुण्डी पानी के लिये एक किमी खाई फिर चढाईप्राकृतिक जल स्त्रोतो ने तोड़ा दम हेंडपंप भी हाफ गए

The ruthlessly beaten the young man in suspicion of witchcraft

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डिंडोरी/गोरखपुर। करंजिया विकासखंड के अंतर्गत पाटनगढ पंचायत के पोषक ग्राम सुनपुरी के 150 परिवार के 600 आबादी के चार वार्डो में रहने वाले नागरिकों के सामने भीषण गर्मी में जलसंकट गहरा गया है। आलम यह है कि ग्रामीण एक गुण्डी पानी के लिये जान जोखिम में डाल एक किमी की खाई में उतरकर, पानी ले उतनी ही चढाई पथरीले मार्ग से चलकर लाने मजबूर है। ग्रामीणों की माने तो यह समस्या पहली बार सामने नही आई है। हर साल इस समस्या से दो चार होना पड़ता है फिर भी जिम्मेदारों की नींद समय पर नही खुलती हमारी परेशानी से किसी को कोई मतलब नही है।
चोटी पर गांव खाई में पानी
ग्रामीण दलपत आर्मो मनिहारिन बाई परस्ते, हेमराज धुर्वे ने बताया कि सुनपुरी गांव के चार वार्डो के रहवासियों के लिये पेयजल के लिये मात्र एक ही हेंडपंप है उसमें भी दो घंटे में एक गुण्डी पानी निकलता है। इसलिये लोग इस जलस्त्रोत का उपयोग नही करते और खाई में बने कुएं के पानी से प्यास बुझाने मजबूर है। यहां तीन कुएं है जिसमें से एक कुआं का जलस्तर पूरी तरह से गिर चुका है। यह कुआं सूखने के कगार पर है। शेष दो बचे कुंओ से ही पूरा गांव पेयजल का इंतजार करता है लेकिन कुंआ से पानी लाना किसी युद्ध लडऩे जैसा है। खड़ी ढलान वाला एक किमी का सफर पथरीला मार्ग कोई चूक हुई तो सीधे लुढकते लुढकते खाई में इतनी मशक्कत के बाद भी कुंआ मे भीड़ इतनी ज्यादा रहती है। कि अपनी बारी के लिये इंतजार करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि आधी रात से ही अंधेरे में कुंआ पहुंचाना पड़ता है। तब कही जा कर पानी मिल पाता है। कभी कभी तो पूरी रात गांववासी कुंओं के आसपास पानी भरते नजर आते है। गांव की आधी आबादी के लोग तो पिपरखुद्दा ंके जलस्त्रोत से पेयजल की व्यवस्था करते है। यहां के जलस्त्रोत से पानी लाना तो और भी मुसीबत का काम है। एकदम खड़ी ढलान उतरकर ग्रामीण बर्तनों में पानी भरते है फिर शुरू होती है। इस वजह के साथ पथरीटोला चढाई। ग्रामीणों ने बताया कि ये कुंआ भी अब पानी देने में सक्षम नही रहा अधिक पानी निकालने के कारण पानी का रंग मटमैला हो जाता है। लेकिन क्या करें और कोई वैकल्पिक साधन भी नही जिससे प्यास बुझाया जाये। इसलिये इसी पानी का उपयोग पीने के लिये करते है लेकिन यहां कुंआ भी दमतोड़ रहा है।
कार्यक्रम के लिये खरीदते है पानी
विशंभर धुर्वे, महेन्द्र जैतवार, महेश मार्को, संत परस्ते, भगवतिया परस्ते ने बतलाया कि सबसे ज्यादा फजीहत गर्मी के दिनों में होती है। गर्मी के दिनों में होने वाले सामाजिक मांगलिक, शादी विवाह आदि कार्यक्रमों के लिये ग्रामीणों का को पानी पैसा देकर खरीदना पड़ता है। तब कहीं जाके पेयजल का इंतजाम होता है। यह गांव पथरीला और भर्रा वाली जमीन का है। गांव में वैसे तो 3 कुंए है लेकिन गर्मी आते ही एक कुआं सूखने के कगार पर पहुंच चुकी हैं जिस कुंए से ग्रामीण पीने के लिये निर्भर है वो पहाड़ी के नीचे है।
कोई नही सुनता
ग्रामीणों ने बताया कि सुनपुरी गांव में प्रत्येक वर्ष गर्मी के मौसम में पेयजल संकट विकराल रूप धारण कर लेता है। इस समस्या के निराकरण के लिये हमने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से लेकर सांसद विधायक तक को मौखिक रूप से अवगत करा चुके है स्थानीय प्रशासन तो भली भांति परिचित है लेकिन अब तक किसी ने ध्यान नही दिया है। सरकार बदली सांसद विधायक, सरपंच बदले सरकारी कर्मचारी अफसर बदले लेकिन हमारी समस्या जस की तस हमारी कोई नही सुनता
संरपंच ने भी माना
सुनपुरी गांव में जलसंकट की समस्या है पंचायत के द्वारा गांव में टेंकर से पानी परिवहन करने के लिये जनपद में प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से जैसे ही परिवहन की मंजूरी मिलेगा गांव के अंदर टेंकर के द्वारा पानी सप्लाई शुरू कर दिया जाएगा।
वर्षा कुशराम सरपंच ग्राम पंचायत पाटनगढ

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