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पढ़ने के लिए लकड़ी की डोंगी में बैठकर उफनती नदी पार करते हैं छात्र, हो चुका है हादसा

locationडिंडोरीPublished: Jul 24, 2019 05:59:14 pm

Submitted by:

amaresh singh

सात ग्रामीण बह गए थे

Students cross river in a wooden canoe to read

पढ़ने के लिए लकड़ी की डोंगी में बैठकर उफनती नदी पार करते हैं छात्र, हो चुका है हादसा

डिंडोरी। आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले में तालीम हासिल करने के लिये स्कूली छात्र जान की बाजी लगाने को मजबूर हैं। गांव से स्कूल तक पहुंचने के लिये जान जोखिम में डालकर छात्र लकड़ी के डोंगी में बैठकर उफनती नर्मदा नदी को पार करते हैं। गरीब आदिवासी छात्रों में पढऩे की ललक है इस वजह से वह स्कूल पहुंचने के लिये किसी भी हद तक जाने के लिये तैयार हैं। छात्र खुद डोंगी लेकर उफनती नर्मदा नदी में उतर जाते हैं और लहरों से जूझ कर जैसे तैसे रोज स्कूल पहुंचते हैं। हैरत की बात तो यह है कि डोंगी में सवार कुछ छात्रों को तैरना भी नहीं आता है बावजूद इसके छात्र रोज स्कूल जाते हैं।


पुल बनवाने दिया था आश्वासन
करीब पांच वर्ष पहले इसी जगह पर नर्मदा नदी पार करने के दौरान जलस्तर अचानक बढ़ गया था जिसके कारण डोंगी में सवार सात ग्रामीण बह गये थे, हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। वहीं स्थानीय लोगों की मदद से पांच लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों ने यहां पुल बनाने के दावे और वादे किये थे लेकिन लगता है कि शायद प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

कई गांवों के छात्र जाते हैं पढऩे
उफनती नर्मदा नदी को पार कर जिस कापा गांव के स्कूल में बच्चे पढऩे जाते हैं उस कापा गांव को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत मंडला सांसद व केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने गोद लिया है। डिंडोरी जिले के मेंहदवानी विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत खुदरी सहित आसपास के गांव के छात्र रोज जान की बाजी लगाकर मंडला जिले के कापा गांव पढऩे जाते हैं क्योंकि इलाके में हायर सेकेंडरी स्कूल ही नहीं है, खुदरी गांव में सिर्फ प्राथमिक शाला है लिहाजा पांचवी कक्षा के बाद पढ़ाई के लिये छात्रों को न चाहते हुये भी कापा स्कूल जाना पड़ता है।

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