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चार माह के लिये बंद हो जाता है मार्ग

locationडिंडोरीPublished: Jun 15, 2019 10:36:28 pm

Submitted by:

Rajkumar yadav

ग्रामीणों ने की पक्की सड़क की मांग, जर्जर हो चुकी है सड़कदर्जनों गांव के लोग इस मार्ग से आते जाते है तहसील व जनपद कार्यालय

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डिंडोरी/गोरखपुर। करंजिया विकासखंड के अंतर्गत सैलवार ग्राम पंचायत के गांव बचटोला से होकर काटीगहन पंचायत के गांव नवाटोला तक 3 किमी की दूरी का मार्ग बरसात के चार महीने के लिये कच्चा मार्ग होने से पूरी तरह बंद हो जाता है। जबकि बड़ी संख्या मे दर्जनों गांवों के लोग इस मार्ग से चलकर बजाग तहसील तथा करंजिया जनपद पंचायत तक सरकारी व व्यक्तिगत कार्यो के लिये कार्यालयों तक जाते है वर्तमान में इस मार्ग की स्थिति काफी जर्जर है जगह जगह गड्डो के साथ पूरा मार्ग उबड़ खाबड़ हो चुका है। ऐसी स्थिति में लगातार परेशानी झेल रहे लोगों ने इस मार्ग को डामरीकरण कर पक्का बनाने की मांग की है।
चार माह का बनवास
बचटोला के ग्रामीण आशीष कौतु, शिवकुमार पन्द्राम, रूपकुमारी परस्ते, कुसुम बाई उइके, रामवती वालरे ने बताया कि हम ग्रामीणो के लिये बरसात के दिनो मे चार माह का वनवास लग जाता है। पहली बारिश से ही आवागन इस मार्ग में लगभग पूरी तरह बंद हो जाता है। वाहनों की तो बात ही मत करिये। सड़क में इतना ज्यादा कीचड़ होता है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। पूरे मार्ग के अंदर बने बड़े बड़े गड्डो में बारिश का पानी जमा रहता है। कुछ स्थानों पर दलदल जैसी स्थिति रहती है। हालांकि दूसरे मौसम में आवागन जारी रहता है। लेकिन सड़क की दुर्दशा के चलते लोग यहां से आने जाने में परहेज बावजूद इसके कम दूरी के चलते बड़ी संख्या में लोग कटीगहन, जाड़ासुरंग, उमरिया, बुंदेला रूसा बरनई, सेनगूढा, अमलडीह, रामनगर आदि ग्राम पंचायत के क्षेत्रों से लोग लोग बजाग तहसीली कार्यालयों तक सरकारी व निजी कार्यो के लिये आते जाते है। इसी तरह सैलवार, भुसंडा, विठलदेह, झनकी, बाहरपुर आदि पंचायत के लोग भी इसी मार्ग से चलकर करंजिया जनपद पंचायत तक अपने कार्यो के लिये आते जाते है। जिससे समय की बर्बादी तो होगी ही साथ ही अधिक खर्च का भार भी लोगों पर आएगा और बरसात के दिनों मे जो परेशानी होगी वो अलग। इसके बाद भी ग्रामीण अंचल को जोडऩे वाला यह मार्ग अब तक उपेक्षित है।
स्कूल आने जाने में दिक्कत
क्षेत्रवासी आशीष कौतू ने बताया कि बरसात के मौसम में यह मार्ग पैदल चलने के काबिल भी नही बचता ऐसे में बचटोला, नवाटोला सहित आसपास गांवो के स्कूली विद्यार्थी कॉलेज के छात्र जो इस मार्ग से चलकर गोरखपुर, सैलवार, झनकी, उमरिया रूसा, गोपालपुर के हाईस्कूल, कॉलेज यूनिवर्सिटी अमरकंटक लालपुर तक जाते है। इन्हे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह मार्ग बारिश में दलदल में तब्दील हो जाता है। ऐसे में स्कूल पढऩे वाले वाले विद्यार्थियों के साथ साथ कॉलेज जाने वाले छात्र सही समय पर नही पहुंच पाते कभी तो ये कीचड़ में फिसल कर कपड़े गंदे कर लेते है। जिस वजह से संस्था तक नही पहुंच पाते और पढाई भी प्रभावित होती है। सबसे ज्यादा मुसीबत तो उस वक्त होती है जब इस मार्ग का कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीडि़त हो जाये और तुरंत उपचार की जरूरत हो उसे मुख्य मार्ग तक लाने में ही काफी समय बीत जाता है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना से जोड़ा जाये
ग्रामीण राम प्रसाद पन्द्राम, पुष्पराज सिंह परस्ते, हरिहर वालरे, खान सिह वालरे, धनसिह वालरे, इंदर सिह वालरे, विमला बाई परस्ते, अमीता सैयाम, दुलारी वालरे, सुखवंती वालरे, दुजिया बाई वालरे, अहिल्या पन्द्राम, इंद्रवती वालरे, ब्रजवती पन्द्राम, कुवरिया पन्द्राम ने बतलाया कि तीन किमी के दोनों छोर पर पक्की सड़क एक तरफ गोरखपुर गोपालपुर मार्ग है तो दूसरी तरफ काटीगहन रैयत तक प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनी पक्की सड़क है। इसलिये इस तीन किमी के मार्ग को भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जाडे ताकि दूसरे क्षेत्र के लोगो के जैसे हम लोगों को भी पक्की सड़क में आवागमन करने का सुख मिल सके। सिर्फ 2006-2007 में सैलवार पंचायत के द्वारा अपनी सीमा तक रोजगार गारंटी योजना से सड़क बनी थी लेकिन अब सड़क की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। आजादी के बाद अब तक वैसी ही स्थिति है, लिहाजा ऐसी स्थिति में इस मार्ग का पक्की करण बहुत आवश्यक है। वैसे भी गांव गांव प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से गांव गांव में पक्की सड़क का निर्माण करा दिया गया है फिर इस मार्ग को क्यों अछूता रखा गया है। जबकि ग्रामीणों के द्वारा इस समस्या को क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से लेकर विधायक सांसद तक अवगत कराया गया है। हम ग्रामीण एक बार पुन: प्रशासन से मांग करते है कि हमारी इस प्रमुख समस्या पर हस्तक्षेप करते हुये हमारी इस बड़ी समस्या का निराकरण करें।
——- इस तीन किमी के कच्चे मार्ग में समस्या तो होती है बरसात के चार माह मे यातायात आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है। पैदल चलना भी दुश्वार होता है। मेरे द्वारा अनेकों बार क्षेत्रीय विधायक, सांसद से लेकर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के कार्यालय तक इस मार्ग को पक्की करण करने की आवेदन दिया गया है परंतु अभी तक कुछ भी नही हो पाया है।
बहादुर सिंह परस्ते, सरपंच सैलवार

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