scriptसंस्कृतियों का भंडार है हमारा मध्यप्रदेश | Our repository of cultures is our Madhya Pradesh | Patrika News

संस्कृतियों का भंडार है हमारा मध्यप्रदेश

locationडिंडोरीPublished: Nov 02, 2018 04:50:58 pm

Submitted by:

shivmangal singh

महाविद्यालय में मनाया गया मध्यप्रदेश स्थापना दिवस

Our repository of cultures is our Madhya Pradesh

Our repository of cultures is our Madhya Pradesh

डिंडोरी। मेकलसुता महाविद्यालय में मध्यप्रदेश का 62 वां स्थापना दिवस धूम-धाम से मनाया गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. बी.एल. द्विवेदी ने बताया कि मध्यप्रदेश का गठन 1 नवम्बर 1956 को किया गया था। जो 1 नवम्बर 2000 तक क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन मध्यप्रदेश के कई नगर उससे हटाकर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की गई। मध्यप्रदेश से पाँच राज्यों की सीमाए मिलती है, विभिन्न प्रकार की भाषाओं के अलावा मालवीय, निमाड़ी, बुन्देली, बघेली बोलियां भी बोली जाती है। प्रो. निरंजन पटेल ने छात्रों को उदबोधित करते हुए कहा कि खनिज संसाधनों से समृद्ध मध्यप्रदेश हीरे और ताम्बे का सबसे बड़ा भंडार है। भारत की संस्कृति में मध्यप्रदेश जगमगाते हुए दीपक के समान है जिसकी रोशनी की सर्वथा अलग प्रभा और प्रभाव है। प्रो. विकास जैन ने बताया कि हमारा प्रदेश विभिन्न संस्कृतियों की अनेकता में एकता का जैसे आकर्षक गुलदस्ता है यहा के लोक समूहों और जनजाति समूहों में प्रतिदिन नृत्य, संगीत, गीत की रसधारा सहज रूप से फूटती रहती है। हमारे प्रदेश के शैलशिखर, विन्ध्य, सतपुड़ा, मैकल और नदियाँ नर्मदा, सोन, सिन्ध, चम्बल, बेतबा, केन, धसान, तबा, ताप्ती, सिप्रा, कालीसिन्ध आदि सर-सरिताओं के उद्ग्म और मिलन की कथाओं से फूटती सहस्त्र धाराएं इसकी सान है। मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी ऐसी नदी है जो सभी नदियों के विपरीत पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर बहती है और जिसका उद्गम स्थल अमरकंटक से हुआ है। कार्यक्रम का समापन मध्यप्रदेश गान के साथ किया गया कार्यक्रम में महाविद्यालय स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
सुबह सुबह करके स्नान पूरा घर करना मतदान
डिंडोरी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मोहित बुंदस के निर्देशन में जिले में मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत रंगोली बनाकर मतदान करने का संदेश दिया जा रहा है। रंगोली के माध्यम से बताया कि आगामी २८ नवम्बर को सभी मतदाताओं को अनिवार्य रूप से मतदान करना है। जिलें आयोजित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में सुबह सुबह करके स्नान, पूरा घर करना मतदान, पहले वोट को देना डार फिर तुम जाना हाट बाजार, चूको न मतदान का मौका बाद में करना चूल्हा चौका के नारो की रंगोली भी बनाई गई। इस प्रकार से जिले में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में मतदाताओं को रंगोली के माध्यम से मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो