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मंत्री ने दिखाई दरियादिली, नगर परिषद उजाड़ रहा झोपड़ी

locationडिंडोरीPublished: Aug 18, 2019 11:12:59 pm

Submitted by:

ayazuddin siddiqui

अतिक्रमण का हवाला देकर नप ने जारी किया नोटिस

Minister showed generosity, city council desolate hut

मंत्री ने दिखाई दरियादिली, नगर परिषद उजाड़ रहा झोपड़ी

डिंडोरी. जिस परिवार की बेटी शिक्षा दीक्षा और देखभाल का जिम्मा मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने लिया है। उसी परिवार को अपना आशियाना बचाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। दरासल एक वृद्ध महिला अपने परिवार के साथ प्राथमिक पाठशाला के बीच बांस व लकड़ी के सहारे एक झोपड़ी बनाकर अपने परिवार के साथ दो दशक से गुजर बसर कर रही है। अब यह झोपड़ी नगर परिषद के आंखो में चुभने लगी है। जिसे हटाने के लिए नगर परिषद द्वारा नोटिस जारी किया है। जिसे लेकर महिला परेशान है और इधर उधर अपनी झोपड़ी बचाने गुहार लगा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यालय में जब कभी अतिक्रमण की कार्रवाई हुई है हमेशा ही उस कार्यवाही में गरीब, बेसहारा व सड़क पर छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले, चाय पान के ठेले वाले या फिर किसी मजलूम की सर छुपाने बनाई गई झोपड़ी ही नगर परिषद के अतिक्रमण दस्ते के निशाने पर रहती हैं। अभी तक जब भी अतिक्रमण की कार्रवाई हुई है ऐसी कोई बड़ी कार्रवाई किसी बड़े प्रतिष्ठान व अतिक्रमण कर्ता के खिलाफ नहीं हुई है जिसे मिसाल के तौर पर पेश किया जा सके। जिला मुख्यालय में ऐसे सैकड़ों अतिक्रमण अधिकारी और कर्मचारियों की नाक के नीचे निर्मित हो गए जिन जगहों का उपयोग सार्वजनिक तौर पर आमजन के लिए किया जाना था। बड़ी बड़ी शासकीय बिल्डिंगों के आसपास बड़ी मात्रा में कच्चे और पक्के निर्माण धड़ल्ले से किए गए और किए जा रहे हैं किंतु नगर परिषद का हाथ इन तक संभवत: नहीं पहुंच पाता है। बहरहाल ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। जिसमें बताया गया है कि लगभग दो दशक से श्मशान घाट के पास प्राथमिक शाला के पीछे बांस बल्ली से तैयार की गई झोपड़ी में अपने परिवार का गुजारा कर रही है। नगर परिषद डिंडोरी ने उस गरीब महिला को उस टूटी फूटी झोपड़ी को हटाने का आदेश जारी किया है। जिससे वृद्ध महिला और उसका परिवार मानसिक तनाव में है। मध्य प्रदेश सरकार जहां भूमिहीनों को भूमि का पट्टा आवास हीनों को आवास देने की बात कह रही है वही नगर परिषद शासन की मंशा के ऊपर पानी फेरता नजर आ रहा है। यह बात समझ से परे है कि उस वृद्ध महिला की टूटी फूटी झोपड़ी नगर के विकास में, यातायात में, किसी शासकीय आयोजन में या अन्य किसी कार्य में बाधक बन रही है। महिला आम लोगों से अपने आशियाने को बचाने की गुहार लगा रही है। महिला को झोपड़ी हटाने के आदेश मिलने के बाद जानकारी वार्ड नंबर 10 जहां महिला निवास करती है उसके पार्षद के संज्ञान में लाई गई जहां पार्षद ने महिला को झोपडी न टूटने का आश्वासन दिया है। अब देखना यह होगा नगर परिषद अपने आदेश के पालन में क्या वास्तव में गरीब महिला का आशियाना उजाड़ देगी या फिर मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए उसे बरसात में सर छुपाने की जगह बरकरार रहने देगी।

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