कहीं झाडू लगा रहे तो कहीं पानी भर रहे बच्चे
डिंडोरीPublished: Jan 18, 2019 10:18:18 pm
स्कूल मे समय पर नही पहुंच रहे शिक्षक, बच्चों के भरोसे स्कूल की व्यवस्थाप्रा.शा. पाटनगढ मे पानी भर रहे बच्चे तो रामनगर मे लगवाई जा रही झाडू
करंजिया। कापी और किताओं की जगह विद्यालयों में छात्रों के हाथ में झाड़ू और पानी की बाल्टी पकड़ाकर काम लिया जा रहा है। शिक्षा ग्रहण करने आने वाले छोटे-छोटे बच्चे शासकीय विद्यालयों में मजदूरों के जैसे काम करने के लिए मजबूर हैं और यहां पदस्थ शिक्षक आराम फरमाते नजर आते हैं। करंजिया विकासखण्ड अंतर्गत नवीन प्राथमिक शाला मोहगांव का मामला सामने आने के बाद भी शिक्षकों की करतूत थमने का नाम नहीं ले रही है। एक दिन बाद फिर जनपद शिक्षा केन्द्र करंजिया के दो स्कूलों का मामला सामने आया है जहां बच्चो से काम कराया जा रहा है। पहला मामला है मुख्यालय से 4 किमी दूर प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला करंजिया का जहां बच्चो से मजदूरों की तरह काम कराया जा रहा है यहां पर दोनो स्कूल एक ही प्रांगण मे संचालित किये जाते है। सुबह 10.40 मे स्कूल मे देखा गया की बच्चे स्कूल परिसर मे झाडू लगा रहे थे स्कूल मे बच्चों के अलावा कोई भी शिक्षक उपस्थित नहीं थे। स्कूल खोलकर कुर्सी टेबल को बाहर निकाल कर बच्चों द्वारा साफ सफाई की जा रही थी। शाला परिसर के ग्राउंड मे 4- 5 बच्चे खरेटा एवं झाडू लेकर सफाई कर रहे थे। इसी तरह दूसरा मामला है मुख्यालय से 16 किमी दूर डिंडोरी अमरकंटक मुख्यमार्ग के किनारेे प्राथमिक शाला पाटनगढ का जहां 11.30 बजेछात्राएं स्कूल मे पानी भर रही थी। मौके पर देखा गया की छोटी छोटी छात्राएं डब्बे मे नल से पानी भर कर स्कूल ले जा रही है । दो छात्राओं की ड्यूटी पानी भरने के लिए लगाई गई थी दोनो के हाथ मे डब्बे थे जो स्वयं नल चलाकर डब्बे भर स्कूल ले गई। पाटनगढ का यह स्कूल ग्राम पंचायत के बगल मे ही लगता है और बस्ती के बीच स्थापित है। पाटनगढ के सरपंच, पंच एवं जनप्रतिनिधियों को समस्त जानकारी है परन्तु कोई भी इस ओर ध्यान नही दे रहा है।
वही विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मामले मे जांच कर कार्यवाही करने की बात कर रहे है। परन्तु ब्लाक मे व्यवस्था इस तरह बेलगाम होने एवं बच्चो को मजदूरो के तरह काम करने के लिए वे भी जिम्मेदार है इन दृष्यों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी के द्वारा शिक्षको को इस तरह से लापरवाही करने के लिए खुली छूट दे रखी है। फील्ड मे रहने वाले जनशिक्षक भी इस तरह के कारनामो को रोकने मे कोई कार्य नही कर पा रहे है।