मृत्यु के छ: साल बाद भी परिजनों को नहीं मिली राशि
डिंडोरी. जनपद पंचायत समनापुर में पदस्थ रहे पंचायत समन्वयक गंगा सिंह परस्ते की मृत्यु लंबी बीमारी के बाद 9 दिसम्बर 12 को हो गई थी लेकिन छह साल गुजरने बाद भी परिजनों को जीपीएफ सहित अन्य मदों में जमा राषि का भुगतान नही किया गया। जिससे परिवार को आर्थिक तंगी झेलना पड़ रहा है। मृतक की पत्नी दुआला बाई परस्ते ने जिसकी शिकायत कलेक्टर से की है। शिकायत में बताया कि पति की मृत्यु के बाद उन्हें तत्कालिक तौर पर 25 हजार रूपये प्रदान किये गये थे लेकिन उक्त राशि भी मुख्य कार्य पालन अधिकारी जनपद पंचायत समनापुर के मौखिक आदेश से बैंक के माध्यम से वापस ले लिया गया। जिसे महिला ने असंवैधानिक बताया है साथ ही आरोप लगाया कि पति का जीआईएस ग्रेज्युटी व जीपीएफ की कटौती की राशि का अंतिम भुगतान आज दिवस तक प्रदान नही किया गया है। साथ ही बताया कि निलंबन अवधि के बिना बहाली के पेंशन प्रकरण तैयार कर पेंषन बना दिया गया है। उक्त समस्याओं के चलते परिवार को दिक्कत हो रही है साथ ही बच्चों की पढाई भी प्रभावित हो रही है।
पति ने लगाया आरोप, अन्य को दिया जा रहा है मुआवजा
डिंडोरी. पत्नी की पानी में डूबने से मौत होने के बाद मुआवजा राशि की मांग करने ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचा। पीडि़त जागेश्वर प्रसाद पिता जमुना प्रसाद निवासी पगनिया जनपद पंचायत मेंहदवानी ने लिखित आवेदन में मांग की है कि पत्नी ग्वालिन बाई 4 दिसम्बर 17 को मायके खरगवारा गई थी। जहां पानी में डूबने से मौत हो गई थी। प्रावधान के मुताबिक प्राकृतिक आपदा से मृत्यु उपरांत नजदीकी वारिसानों को शासन से मुआवजा राशि प्रदान की जाती है, लेकिन मृतिका के पति ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई के दौरान अनियमितता बरती गई है और खरगवारा निवासी मतिया बाई पति लामू दास को वारिस बताते हुये शासन द्वारा निर्धारित राशि उन्हें प्रदाय करने सुनिश्चित किया गया है। जबकि कार्रवाई के दौरान राजस्व विभाग द्वारा पत्नी व पीडि़त पति के दस्तावेजों के मांग की गई थी और आवेदक ने चाहे गये सभी दस्तावेज मेंहदवानी स्थित नायब तहसीलदार के कार्यालय में जमा कराये थे लेकिन मुआवजा राशि अन्य को प्रदान किये जाने के संबंध में जानकारी लगने के बाद नायब तहसीलदार सहित जनसुनवाई में उपस्थित हो कलेक्टर को भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है।