नहीं मिलेगा सही दाम
माधोपुर निवासी कृषक मायाराम परस्ते ने उदासीन लहजे में बताया कि उसने स्वयं की जमीन पर पांच एकड़ की भूमि में गेंहू की खेत की थी। समय समय पर फसलों को विकसित करने के लिये पानी की सिंचाई के साथ साथ खाद भी डाला था। आधे फसल की कटाई होकर खलिहान में रखवा दिया गया है। कुछ फसलों को काटकर खेत पर ही छोड़ दिया गया है लेकिन बुधवार की रात्रि हुई बारिश की वजह से खलिहान में रखी फसल के दानों की चमक फीकी पड़ जायेगी। खाने में उपयोग करने पर स्वाद नही मिलेगा और यदि उपज को बाजार में बेचा जाएगा तो सही सही दाम प्राप्त नही होगा। गेंहू की दानों में लालिमा आ जाएगा। कस्बा के कृषक लल्लू तेकाम ने बताया कि उसने पांच एकड़ के खेत में अलग अलग हिस्सों में दलहनी फसलों की बोवनी की थी, गेहू और मसूर तो खलिहान में रखी है लेकिन चने की फसल बिल्कुल पककर कटने के लिये तैयार खेत पर खड़ी है। एक हफ्ते से मौसम में बदलाव बना हुआ है। चने की फसल में कीट का प्रकोप नजर आ रहा है। यदि धूप नही निकलती तो चने की फसल को कीड़े चट कर जायेगे। जो सीधा हमारा नुकसान है यानि निवाला तैयार था जिसे बारिश से नुकशान पहुंच रहा है।
बीमार कर रहा मौसम
मौसम में नित उतार चढाव का असर अब आम जनजीवन में भी अधिक देखने को मिल रहा है। पिछले तीन दिनों से कस्बा के निजी दवाखानों में उल्टी, दस्त, बुखार और हाथ पैर सिर दर्द की समस्या से ग्रसित मरीज उपचार के लिये पहुंच रहे है जिसकी वजह से यह समस्या बढ रही है।