मैंगनीज और आयोडीन की पर्याप्त मात्रा होने के कारण यह थायरॉइड ग्रंथि की कार्यशैली को सुचारू रखने में भी मदद करता है। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है जिससे वजन भी नहीं बढ़ता। इसमें आयरन काफी मात्रा में होता है जिससे खून की कमी दूर होती है। इसे कच्चा, उबालकर या सब्जी बनाकर किसी भी रूप में खा सकते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद होता है। सिंघाड़े खाने से सांस संबधी समस्याओं से भी कम होती है। सिंघाड़ा बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाता है। प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं।
सिंघाड़ें के सेवन से गर्भपात होने का खतरा भी नहीं रहता है। सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स से संबंधित समस्याएं भी ठीक होती हैं। सिंघाड़े खाने से रक्त संबंधी समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं। मूत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए सिंघाड़े का प्रयोग बहुत फायदेमंद है। दस्त होने पर भी सिंघाड़े का सेवन रामबाण इलाज है।