भारत में सदियों से दाल (Lentils) को प्रोटीन का भरपूर स्रोत माना जाता रहा है। लेकिन हाल ही में पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा पूरी तरह सच नहीं है। आइए जानते हैं क्यों दाल (Lentils) को प्रोटीन का मुख्य स्रोत नहीं माना जा सकता:
प्रोटीन के प्रकार: हमारे शरीर को 20 तरह के अमीनो एसिड की जरूरत होती है। इनमें से 9 शरीर खुद नहीं बना सकता, इन्हें भोजन से लेना होता है। प्रोटीन को अच्छा माना जाता है अगर उसमें ये 9ों अमीनो एसिड सही मात्रा में मौजूद हों।
दाल (Lentils) में प्रोटीन तो होता है, लेकिन सभी 9 जरूरी अमीनो एसिड नहीं होते। साथ ही, दाल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है।
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जैव उपलब्धता: प्रोटीन का जितना हिस्सा शरीर इस्तेमाल कर सके, उसे जैव उपलब्धता कहते हैं। दाल (Lentils) में पाए जाने वाला प्रोटीन उतना जैवउपलब्ध नहीं होता जितना मांस, अंडे या दूध में।
तो क्या इसका मतलब है कि शाकाहारियों को दाल नहीं खाना चाहिए? नहीं!
दाल के फायदे: दाल फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती है। दाल को प्रोटीन का मुख्य स्रोत न मानने के बावजूद इसे अपनी डाइट में शामिल करना फायदेमंद है।
कैसे पाएं पूरा प्रोटीन: शाकाहारी प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए दाल के साथ साथ सोया, टोफू, मेवे, बीज और दूध उत्पादों का सेवन कर सकते हैं।