script‘अंधी’ हो गई तीसरी आंख, अभय कमाण्ड का अधूरा ‘कमाण्ड’ | Third eye becomes 'blind', incomplete 'command' of Abhay command | Patrika News

‘अंधी’ हो गई तीसरी आंख, अभय कमाण्ड का अधूरा ‘कमाण्ड’

locationधौलपुरPublished: Aug 25, 2019 11:46:25 am

Submitted by:

Mahesh gupta

हर अपराध व घटना पर नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर लगाई गई ‘तीसरी आंख’ अब अंधी हो गई है। शहर में लगे अधिकांश कैमर नेट कनेक्टिविटी सही नहीं मिलने के कारण चल ही नहीं पा रहे हैं। वहीं जितने कैमरे लाइव हो रहे हैं, उनमें भी घटनाक्रम या वारदात होना तो दिख जाता है, लेकिन व्यक्तियों की शक्ल पहचान पाना मुश्किल हो रहा है।

‘अंधी’ हो गई तीसरी आंख, अभय कमाण्ड का अधूरा ‘कमाण्ड’

‘अंधी’ हो गई तीसरी आंख, अभय कमाण्ड का अधूरा ‘कमाण्ड’

जिला मुख्यालय पर लगे 115 कैमरों में से 55 चालू नहीं
36 लाइव, लेकिन नहीं दिखती शक्ल
24 की नेट कनेक्टिविटी कमजोर
धौलपुर. हर अपराध व घटना पर नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर लगाई गई ‘तीसरी आंख’ अब अंधी हो गई है। शहर में लगे अधिकांश कैमर नेट कनेक्टिविटी सही नहीं मिलने के कारण चल ही नहीं पा रहे हैं। वहीं जितने कैमरे लाइव हो रहे हैं, उनमें भी घटनाक्रम या वारदात होना तो दिख जाता है, लेकिन व्यक्तियों की शक्ल पहचान पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अभय कमाण्ड का अधूरा कमाण्ड दिखाई दे रहा है। ऐसे में चोर, अपराधी या दुर्घटना के आरोपितों की पुलिस पहचान ही नहीं कर पाती है। इसका फायदा उठाकर शहर में बेधडक़ अपराध कर फरार हो जाते हैं। अधिकांश मामले बाइक चोरी के सामने आ रहे हैं, जिनमें चोर बाइक चोरी करता हुआ तो दिख जाता है, लेकिन उसकी शक्ल ही नहीं दिखाई पड़ती है। ऐसे में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी आमजन तथा सामान की सुरक्षा भगवान भरोसे हैं। जब इस सम्बंध में गश्ती पुलिस से बात की जाती है तो उनका जबाव भी बचकाना होता है। वे कहते हैं कि अब बाइक चोरों का तो पता लगाना ही मुश्किल है।
क्या है कारण
राज्य सरकार ने आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने तथा नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर तीसरी आंख लगाने का निर्णय किया था। इसके मद्देनजर अगस्त 2018 में अभय कमाण्ड सेंटर की स्थापना भी कर दी।
लेकिन स्थापना के एक साल निकलने के बाद भी अभी तक मात्र 36 सीसीटीवी कैमरे ही ‘लाइव’ हैं। जबकि शहर में 396 कैमरे लगाने हैं। इनमें से फिजीबिलिटी 300 की बताई जा रही है।
इसलिए नहीं हो रहे शुरू
राज्य सरकार की ओर से राज स्वान की नेट कनेक्टिविटी नहीं मिल पाने के कारण कैमरे लगाने के बाद भी उन्हें चालू नहीं किया जा सका है। इसके चलते दो माह पहले लगाए गए 55 कैमरे शुरू नहीं हो पा रहे हैं।
यहां बंद पड़े हैं कैमरे
शहर के प्रमुख स्थानों पर नए लगाए कैमरे बंद है। वे केवल शोपीस बनकर रह गए हैं। इनमें गुलाब बाग चौराहा, जगदीश टॉकीज, लाल बाजार, पुराना डाकखाना चौराहा, जगन टॉकीज, राजकीय सामान्य चिकित्सालय, हरदेव नगर चौराहा, गौरव पथ, पैलेस रोड, तोप तिराहा, गडरपुरा, कचहरी मोड आदि स्थान शामिल हैं। जहां पर भीड़ भाड़ अधिक रहती है। साथ ही लूटपाट की वारदात की आशंका रहती है। पूर्व में भी कई वारदातें हो चुकी हैँ, जो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी थी, लेकिन आरोपितों का पता नहीं चला।
इन जगहों पर चालू हैं कैमरे
वाटर वक्र्स चौराहा- 8
सैयद अली के नीचे- 6 ( लाइन फाल्ट)
मंगल भारती मंदिर- 2
आईटीआई- 4
कलक्ट्रेट- 6
भोगीराम कॉलोनी
अटल सेवा केन्द्र
एसपी कार्यालय
साल भर पहले शुरू हुआ अभय कमाण्ड सेंटर
सेंटर स्थापित हुए एक साल हो गया। शहर में दो माह पहले तक 60 कैमरे स्थापित थे। इसके बाद 55 कैमरे और लगाए गए हैं। लेकिन इनको अभी शुरू ही नहीं किया गया है। ऐसे में आपराधिक गतिविधियों के सबूत नहीं जुट पाते हैं। अगर जुट भी जाते हैं तो पुलिस आरोपितों तक नहीं पहुंच पाती है।
जिला मुख्यालय पर करीब 115 कैमरे लगे हैं। लेकिन इनमें से केवल 36 कैमरे ही लाइव हैं। जबकि अन्य कैमरों को नेट कनेक्टिविटी नहीं मिलने के कारण चालू नहीं हैं। वहीं जो चालू हैं, उनमें मात्र 512 की बिट रेट आ रही है, जबकि इनको 4096 की बिटरेट चाहिए, तब जाकर व्यक्ति की सही शक्ल दिखेगी।
अरविंद, नेटवर्किंग इंजीनियर, अभय कमाण्ड सेंटर, धौलपुर।
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