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– डांग पर फिर से डकैत जगन गुर्जर के खौफ का साया चंबल के बीहड़ों से खास रिपोर्ट

locationधौलपुरPublished: Jun 15, 2019 12:19:08 pm

धौलपुर. जी हां, वही धौलपुर जिसका जिक्र आते ही आंखों के सामने आ जाते हैं बागी, बंदूक और बीहड़। जिले के बसई डांग थाने की सीमा के साथ ही शुरु होता है डकैतों का इलाका। इसी इलाके में डेरा डाले हुए हैं वे डकैत जिनके खौफ से इस समय दहशत है। डांग क्षेत्र के गांव सायपुर करन सिंह का पुरा तीन दिन पहले डकैत जगन गिरोह में नंगा नाच किया। घटना के बाद गांव में हर किसी के चेहरे पर घटना का खौफ साफ-साफ नजर आ रहा है।

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– डांग पर फिर से डकैत जगन गुर्जर के खौफ का साया चंबल के बीहड़ों से खास रिपोर्ट

हर किसी के आंखें मांग रही जबाव…..
– डांग पर फिर से डकैत जगन गुर्जर के खौफ का साया
-गांव करन सिंह पुरा में महिलाओं के निर्वस्त्र घुमाने के बाद
अमित सिंह/ नरेश लवानियां
धौलपुर. जी हां, वही धौलपुर जिसका जिक्र आते ही आंखों के सामने आ जाते हैं बागी, बंदूक और बीहड़। जिले के बसई डांग थाने की सीमा के साथ ही शुरु होता है डकैतों का इलाका। इसी इलाके में डेरा डाले हुए हैं वे डकैत जिनके खौफ से इस समय दहशत है। डांग क्षेत्र के गांव सायपुर करन सिंह का पुरा तीन दिन पहले डकैत जगन गिरोह में नंगा नाच किया। घटना के बाद गांव में हर किसी के चेहरे पर घटना का खौफ साफ-साफ नजर आ रहा है। घटना के बाद गांव के लोगों ने भी अपने हाथों में हथियार थाम लिए है और अब वे डकैतों का सामना करने को तैयार है। शुक्रवार सुबह जब पत्रिका की टीम गांव सायपुर करन सिंह का पुरा गांव पहुंची तो गांव में प्रवेश करने के साथ ही खेलते ब‘चों, बुर्जुग, महिलाओं की आंखें एक टक नजरें हमें घूरने लगी। हर किसी आंखे बस एक ही सवाल का जबाव मांग रही थी कि आखिर हम कौन है। जब हम आगे बढ़े तो यहां एक मकान में कुछ लोग हाथों में बंदूकें व राइफल लेकर बैठे नजर आए। जब हमने अपना परिचय दिया तो सभी लोग अपने हथियारों को अंदर कमरे में रख आए। इस दौरान यहां मौजूद एक वृद्ध कहा कि अब डकैतों का सामना करने के लिए हमने भी हथियार उठा लिए और अपने रिश्तेदारों को लाइसेंसी हथियार लेकर यहां बुला लिया है। अब हम भी पीछे नहीं हटेेंगे, गोली का जबाव गोली से दिया जाएंगा। इस दौरान जब हमने जगन गिरोह के उत्पात के बारे सवाल किया, तो सभी लोगों ने चुप्पी साध ली। इस दौरान 60 वर्षीय राम दुलारे(परिवर्तित नाम) ने बताया कि जगन जब अपने साथियों के साथ यहां आया तो गांव के अधिकांश लोग मवेशियों को पानी पिलाने के लिए दूर गांव आए हुए थे, करीब 15 घरों के गांव में केवल दो बुर्जुग ही रह गए थे। जगन गिरोह ने गांव में करीब दो घंटे तक ताडंव मचाया और गांव के भीकाराम के घर पर पहुंच कर महिलाओं से जमकर मारपीट की। इन महिलाओं को जगन गांव के बाहर निकाल लाया और निर्वस्त्र कर दिया। इस दौरान महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन जगन ने महिलाओं पर अपनी राइफल के बट से पैरों पर वार किए और पैदल गांव में घुमाया। महिलाओं को गांव निर्वस्त्र घुमाए जाने के दौरान अन्य महिलाएं व ब‘चे अपने-अपने घरों में दुबक गए। करीब दो घंटे तक चले इस ताडंव के बाद जब भीकाराम अपने एक रिश्तेदार के साथ बंदूक लेकर यहां पहुंचा और फायर किए तब कहीं जाकर जगन गिरोह यहां से भाग निकला। इसी बीच रोते हुए पीडि़ता भीकाराम भी बोल पड़ा कि जगन से मेरी कोई भी दुश्मनी नहीं है, करीब 10-12 साल पहले मेरा जगन से झगड़ा जरूर हुआ था, इस दौरान हमारा राजीनामा भी हो गया, लेकिन जगन इस प्रकार की हरकत करेंगा इस बात का अंदाज नहीं था। यहां जब घटना की शिकार महिलाओं के बारे में पूछा तो पीडि़त भीकाराम हमें अपने घर ले गया। यहां एक महिला खाट पर लेटी हुई दर्द से कराह रही थी, इस दौरान पीडि़त दूसरी महिला अपनी बेटियों के सहारे आगे आई और बोली कि हमैं का पतौ जी…हमाए संग एैसो करैगो…हमाई वौत बे’’ाती करी है….मैरे तो पैरन में बंदूकन के बट मारे…अब मौउ चलौऊ ना जा रौ…भगवान जाकौ नाश करेंगौ…। गांव में पीडि़त परिवार के यहां चार सदस्यी आरएसी लाइन के पुलिसकर्मी हथियारों से लैस तैनात किए गए थे।

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