महिला सरपंच की मौजूदगी में ऐसा क्या हुआ कि नवजात की हो गई मौत, पढि़ए
बाड़मेरPublished: Jan 30, 2017 11:38:00 pm
राज्य एवं केन्द्र सरकार सरकारी अस्पतालों में प्रसव करवाने पर जोर दे रही है। साथ ही प्रसूताओं के फायदे के लिए अनेक योजनाएं चला रही हो, लेकिन गांवों में स्थित उलट है। यहां रात्रि के समय स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोई धणी-धोरी नहीं है।
प्रभावी मॉनीटरिंग एवं स्वास्थ्यकर्मियों के मनमाने रवैये के चलते मरीजों की हालत भगवान भरोसे है। रविवार रात स्वास्थ्यकर्मी की हठधर्मिता के चलते बैराथल उप स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही एक प्रसूता का प्रसव हो गया। स्थिति यह थी कि अनदेखी के चलते नवजात की मौत हो गई। खास बात यह है कि यह सब घटनाक्रम गांव की सरपंच की मौजूदगी में हुआ। सरकार ने सरपंचों के अधीन पांच विभाग दे रखे हैं, लेकिन उन्हीं विभाग के अधिकारी सरपंचों की अनसुनी कर रहे हैं।
बैराथल में भी रविवार को गांव की केली देवी पुत्री जालाराम जाट के प्रसव पीड़ा होने पर खुद सरपंच कमला गुजर उसे लेकर बैराथल के उप स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंची, लेकिन वहां कार्यरत एएनएम सरोज कुमारी ने केन्द्र का दरवाजा तक नहीं खोला उल्टा उन पर नींद खराब करने का आरोप लगाया। जब सरपंच ने खुद उसे इलाज के लिए कहा तो उसने साफ इनकार कर दिया। ऐसे में प्रसूता केली देवी ने कड़ाके की ठण्ड में स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया। रात दस बजे के करीब इलाज के अभाव में केली देवी अपनी बच्ची को लेकर घर पहुंची तो नवजात की रात्रि में ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब सरपंच ने एएनएम को बुलाया तो उसने सरपंच को गेट आऊट तक कह दिया। एएनएम का यहां तक कहना था कि वह उनकी नौकर नहीं है।
दूसरे गांव की अभिशंसा पर लगाया
बैराथल में कार्यरत एएनएम सरोज कुमारी को ग्राम पंचायत तांतवास की अभिशंसा पर बैराथल लगाया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने दूसरी पंचायत के लिए किसी ग्राम पंचायत ने एएनएम के लिए अभिशंसा की है और उस अभिशंषा को सहर्ष मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने स्वीकार कर लगाया है। हालांकि इस मामले में ग्राम पंचायत ने पहले भी उसे यहां नही लगाने का आग्रह किया था लेकिन पंचायत की नहीं सुनी ।
पहले से थी शिकायतें
एएनएम के दुव्र्यहार को लेकर ग्रामीणों की पहले भी कई शिकायतें आई थी पर विश्वास नहीं किया मगर रविवार को जो मेरी आँखों के सामने हुआ उससे सारी सच्चाई सामने आ गई। सरकार जननी सुरक्षा योजना को बढ़ावा दे रही है जबकि हकीकत में प्रसुताओं को ढंग से इलाज नहीं मिल रहा है। ऐसे में एक नवजात को दुनिया छोडऩी पड़ी।
-कमला गुजर, सरपंच बैराथल