scriptस्वाध्याय व्यक्तित्व निर्माण का महत्वपूर्ण साधन | An important tool for creating self-help personality | Patrika News

स्वाध्याय व्यक्तित्व निर्माण का महत्वपूर्ण साधन

locationबैंगलोरPublished: Sep 09, 2018 04:55:59 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

चित्त कि विकल्पशीलता समाप्त होती है, संकल्प शक्ति पोस्ट होती है

jainism

स्वाध्याय व्यक्तित्व निर्माण का महत्वपूर्ण साधन

बेंगलूरु. विजयनगर में साध्वी मधुसिमता ने स्वाध्याय दिवस पर कहा कि स्वाध्याय व्यक्तित्व निर्माण का महत्वपूर्ण साधन है। विश्व के अनेक महापुरुष इसका प्रयोग कर साधारण से असाधारण बने। इससे मन और बुद्धि के विकार मिटते हैं। उन्होंने कहा कि चित्त कि विकल्पशीलता समाप्त होती है। संकल्प शक्ति पोस्ट होती है।
स्वाध्याय से प्राप्त होने वाली एकाग्रता व्यक्ति को सफल बनाती है। स्वाध्याय 12 प्रकार के तप का आधार है। जितने कर्मों को अज्ञानी व्यक्ति करोड़ों वर्षों में क्षय कर सकता है, उतने कर्मों को ज्ञानी व्यक्ति अत्यल्प समय में क्षीण कर सकता है। उस ज्ञान की प्रगति का सर्वोत्तम उपाय ‘स्वाध्यायÓ है। साध्वी सहजयसा ने सरसता के साथ स्वाध्याय को विश्लेषित करते हुए सबको अध्ययन करने व प्रवचन श्रवण करने की प्रेरणा दी। ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने ‘दिया जलाले तिमिर हटा लेÓ गीत की प्रस्तुति दी। महिला मंडल अध्यक्ष सरोज देवी टाटिया ने स्वागत किया। संचालन मंत्री महिमा पटावरी ने किया।
पर्युषण में बही आराधना की बयार
बेंगलूरु. मुनि सुव्रत स्वामी जैन संघ कुमारापार्क में मुनि सुविधिचन्द्र सागर एवं सुपाŸवचन्द्र सागर के सान्निध्य में पर्युषण आराधना में श्रद्धालु भाग ले रहे हंै। संघ के अध्यक्ष प्रकाशचंद राठौड़ ने बताया कि शनिवार को धनराज सुकनराज अंबानी परिवार ने कल्पसूत्र घर ले जाने का लाभ लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में संघ के सदस्य मौजूद रहे।

साधना सच्ची हो तो बदल जाता है इंसान

बेंगलूरु. राजाजीनगर स्थानक में साध्वी संयमलता ने कहा कि सुख साधनों में नहीं, साधना में है। सुख पदार्थ में नहीं, परमार्थ में है। सुख संसार में नहीं, संयम में है। उन्होंने कहा कि साधना सच्ची हो तो इंसान भी बदल जाता है। पत्थर भी पिघल जाता है, कर्म भी क्षय हो जाता है। कर्म तो कर्जा है, जिसे चुकाए बिना मुक्ति संभव नहीं है। साध्वी कमलप्र्रज्ञा ने अंतगड़ सूत्र का वाचन करते हुए कहा कि महावीर ने तो जानवरों को भी सीने से लगा लिया था, हम इंसान को भी सीने से नहीं लगा पा रहे हैं। पाठशाला के बच्चों ने धर्म कव्वाली की प्रस्तुति दी। साध्वी सौरभप्रज्ञा ने गीतिका प्रस्तुत की। जैन तम्बोला प्रतियोगिता में 150 श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लिया। रविवार को युवा जाग्रति पर प्रवचन होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो