युवक की मेहनत और जुनून से अब पहाड़ी पर पूर्व में रोपे गए नीम, बादाम, आंवला, पीपल, गुलाब सहित कई प्रजाति के पौधे फल-फूल देने लगे हैं। पहाड़ी भी चारों तरफ से हरी-भरी नजर आने लगी है। यही वजह है कि यह स्थान पर दर्शनार्थियों के लिए रमणीय स्थल होने से प्रेरणा से कम दिखाई नहीं देता। सरकार और प्रशासन पुनर्वास को आदर्श पुनर्वास बनाने की ओर अग्रसर है, लेकिन पर्यावरण की ओर भी अगर ध्यान दिया जाए तो आने वाले दिनों में ऐसे दर्शनीय स्थल रमणीय स्थल भी बन सकते हैं।
पर्यावरण प्रेमी युवक कमल भार्गव के साथ ही सितारा बाबा सेवा समिति के सदस्य संदीप मंडवाडडीया, कैलाश पखावदीया, सुरेश प्रधान, अंबाराम पाटीदार, मुकेश सिपाही, जगदीश बयड़ी वाला का भी सराहनीय योगदान है।