जनसंख्या, नल और ट्यूबवेल का आंकड़ा
शहर की आबादी- 1.30 लाख(लगभग)
घरेलू नल कनेक्शन- 9886
कमर्शियल कनेक्शन- 72
औद्योगिक कनेक्शन- 3
सार्वजनिक नल कनेक्शन- 13
पानी सप्लाय करने वाले ट्यूबवेल- 94
बंद पड़े ट्यूबवेल- 51
जल सप्लाय का शेड्यूल- दो दिन छोडक़र
शहर की आबादी- 1.30 लाख(लगभग)
घरेलू नल कनेक्शन- 9886
कमर्शियल कनेक्शन- 72
औद्योगिक कनेक्शन- 3
सार्वजनिक नल कनेक्शन- 13
पानी सप्लाय करने वाले ट्यूबवेल- 94
बंद पड़े ट्यूबवेल- 51
जल सप्लाय का शेड्यूल- दो दिन छोडक़र
करोड़ों खर्च कर दिलवारा लाइन बिछाई गई, लेकिन मोटा, खर्च होने के बावजूद पूरे शहर में पाइप लाइन नहीं पहुंच सकी। पर्याप्त बारिश नहीं होने से तो कई बार शहर प्यासा रहा, लेकिन इस बार अधिक बारिश होने से लबालब तालाब भरने के बावजूद डेढ़ दिन तक आधा शहर प्यासा रहता है। दरअसल पेयजल सप्लाय का ठीक प्लान नहीं होने के कारण नलों में दो दिन छोडक़र पानी आ रहा है, जबकि घर में पानी स्टोर करने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने से कई लोग डेढ़ दिन तक प्यासे रहते हैं। या प्यास बुझाने के लिए सक्षम लोग निजी टैंकरों की मदद ले रहे हैं, वहीं खर्च नहीं कर पाने वाले आसपास के हैंडपंप से प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
इधर शहर की तीन पॉपुलर कॉलोनियों में अब तक नगर पालिका की पेयजल लाइन नहीं होने से वहां के लोगों के पास नपा के जन कनेक्शन नहीं है। नपा के अनुसार लगभग ११ कॉलोनियों में नपा की पाइप लाइन नहीं होने से वहां एक भी नल कनेक्शन नहीं है। मतलब लगभग 8 हजार परिवार आज भी नल कनेक्शन के लिए कतार बद्ध होने से पानी के लिए तरस रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस सरकार और शहर में कांग्रेस का नगर पालिका अध्यक्ष होने के बावजूद रोज पानी नहीं मिलने से शहर की जनता नाराज है और नपा अध्यक्ष पर्वतसिंह चौहान को कोस रही है।
इधर शहर की तीन पॉपुलर कॉलोनियों में अब तक नगर पालिका की पेयजल लाइन नहीं होने से वहां के लोगों के पास नपा के जन कनेक्शन नहीं है। नपा के अनुसार लगभग ११ कॉलोनियों में नपा की पाइप लाइन नहीं होने से वहां एक भी नल कनेक्शन नहीं है। मतलब लगभग 8 हजार परिवार आज भी नल कनेक्शन के लिए कतार बद्ध होने से पानी के लिए तरस रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस सरकार और शहर में कांग्रेस का नगर पालिका अध्यक्ष होने के बावजूद रोज पानी नहीं मिलने से शहर की जनता नाराज है और नपा अध्यक्ष पर्वतसिंह चौहान को कोस रही है।
यहां नहीं नपा के नल कनेक्शन
– शुक्ला कॉलोनी
– अर्जुन कॉलोनी
– ब्रह्माकुंडी
– कैलाश नगर
– शांतिकुंज
– काशीबाग
– हैप्पीविला
– एकता नगर
– मायापुरी
– इमलीबन
– भक्तांबर साइकिल पर पानी की आवाज तो समझो नल में पानी शुरू
जल सप्लाय करने वाली नगर पालिका की लेतलाली और लापरवाही का बड़ा उदाहरण यह है कि भरपूर पानी होने के बावजूद दो दिन छोडक़र जल सप्लाय किया जा रहा है, वह भी केवल आधा घंटा। इसमें भी जल सप्लाय का कोई समय निर्धारित नहीं है। वाल खोलने के बाद नपा कर्मी साइकिल पर पाना बजाते हुए यह इंडिकेट करने निकलता है कि नल चालू कर लें, पानी सप्लाय शुरू कर दी है। जिसने साइकिल पर पाने की आवाज सुन ली वे फायदे में बाकि लोग प्यास बुझाने के लिए निजी टैंकर पर खर्च करने को मजबूर हैं।
– शुक्ला कॉलोनी
– अर्जुन कॉलोनी
– ब्रह्माकुंडी
– कैलाश नगर
– शांतिकुंज
– काशीबाग
– हैप्पीविला
– एकता नगर
– मायापुरी
– इमलीबन
– भक्तांबर साइकिल पर पानी की आवाज तो समझो नल में पानी शुरू
जल सप्लाय करने वाली नगर पालिका की लेतलाली और लापरवाही का बड़ा उदाहरण यह है कि भरपूर पानी होने के बावजूद दो दिन छोडक़र जल सप्लाय किया जा रहा है, वह भी केवल आधा घंटा। इसमें भी जल सप्लाय का कोई समय निर्धारित नहीं है। वाल खोलने के बाद नपा कर्मी साइकिल पर पाना बजाते हुए यह इंडिकेट करने निकलता है कि नल चालू कर लें, पानी सप्लाय शुरू कर दी है। जिसने साइकिल पर पाने की आवाज सुन ली वे फायदे में बाकि लोग प्यास बुझाने के लिए निजी टैंकर पर खर्च करने को मजबूर हैं।
क्या है नपा का दावा
नपा की सब इंजीनियर जल शाखा इंचार्ज दिव्या सोलंकी का कहना है कि अर्जुन कॉलोनी, इमलीबन, ब्रह्माकुंडी में लगभग आधे स्तर पर पाइप लाइन डल चुकी है, जबकि शांतिकुंज, हैप्पीविला व काशीबाग में कॉलोनी वालों की निजी लाइन डली हुई है, जिसमें बोर से जल सप्लाय किया जा रहा है। इसके अलावा कैलाश नगर में पहले से डली कॉलोनी की पाइप लाइन से दिलावरा को जोड़ा गया था, लेकिन मामला सफल नहीं रहा। इधर शुक्ला कॉलोनी, ब्रह्माकुंडी, अर्जुन नगर, इमलीबन में टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। सब इंजीनियर दिव्या का कहना है कि नल कनेक्शन से वंचित सभी कॉलोनियों में पाइप लाइन पहुंचाने के लिए ९० लाख रुपए का टेंडर हो चुका है, जिसका काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
नपा की सब इंजीनियर जल शाखा इंचार्ज दिव्या सोलंकी का कहना है कि अर्जुन कॉलोनी, इमलीबन, ब्रह्माकुंडी में लगभग आधे स्तर पर पाइप लाइन डल चुकी है, जबकि शांतिकुंज, हैप्पीविला व काशीबाग में कॉलोनी वालों की निजी लाइन डली हुई है, जिसमें बोर से जल सप्लाय किया जा रहा है। इसके अलावा कैलाश नगर में पहले से डली कॉलोनी की पाइप लाइन से दिलावरा को जोड़ा गया था, लेकिन मामला सफल नहीं रहा। इधर शुक्ला कॉलोनी, ब्रह्माकुंडी, अर्जुन नगर, इमलीबन में टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। सब इंजीनियर दिव्या का कहना है कि नल कनेक्शन से वंचित सभी कॉलोनियों में पाइप लाइन पहुंचाने के लिए ९० लाख रुपए का टेंडर हो चुका है, जिसका काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
यह कहते हैं सीएमओ
नपा सीएमओ विजय कुमार शर्मा का कहना है कि भले ही नल में पानी की सप्लाय एक या दो दिन छोडक़र किया जा रहा हो, लेकिन सार्वजनिक बोर से लोगों को प्रतिदिन पानी मिल रहा है। प्रतिदिन नल में पानी सप्लाय नहीं होने कारण पूछे जाने पर उनका कहना है कि तालाब से फिल्टर प्लांट, पानी फिल्टर कर टंकी तक पहुंचाने में समय लगता है, जिससे रोज जल सप्लाय मुश्किल है।
नपा सीएमओ विजय कुमार शर्मा का कहना है कि भले ही नल में पानी की सप्लाय एक या दो दिन छोडक़र किया जा रहा हो, लेकिन सार्वजनिक बोर से लोगों को प्रतिदिन पानी मिल रहा है। प्रतिदिन नल में पानी सप्लाय नहीं होने कारण पूछे जाने पर उनका कहना है कि तालाब से फिल्टर प्लांट, पानी फिल्टर कर टंकी तक पहुंचाने में समय लगता है, जिससे रोज जल सप्लाय मुश्किल है।
अध्यक्ष को कोस रहे लोग
नाम का खुलासा तो नहीं कर पा रहे, लेकिन जब पत्रिका ने कुछ कॉलोनियों में लोगों से चर्चा की तो उनका कहना था कि भाजपा की अध्यक्ष से तो नाउम्मीद हो चुके थे, लेकिन कांग्रेस के नपा अध्यक्ष और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद रोज पानी नहीं मिलने और कॉलोनी में नल कनेक्शन नहीं होने से लोग नपा अध्यक्ष पर्वतसिंह चौहान को कोस रहे हैं।
क्या कहते हैं लोग
नाम का खुलासा तो नहीं कर पा रहे, लेकिन जब पत्रिका ने कुछ कॉलोनियों में लोगों से चर्चा की तो उनका कहना था कि भाजपा की अध्यक्ष से तो नाउम्मीद हो चुके थे, लेकिन कांग्रेस के नपा अध्यक्ष और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद रोज पानी नहीं मिलने और कॉलोनी में नल कनेक्शन नहीं होने से लोग नपा अध्यक्ष पर्वतसिंह चौहान को कोस रहे हैं।
क्या कहते हैं लोग
हमारे कॉलोनी में ना तो पाइप लाइन है और ना ही नल कनेक्शन। रोज प्यास बुझाने के लिए सुबह से शाम तक पास में लगे हैंडपंप पर मेहनत करना पड़ती है।
–रेलम बाई, निवासी ब्रह्माकुंडी
–रेलम बाई, निवासी ब्रह्माकुंडी
किसको कहें और क्या कहें। पहले पानी की कमी बताते रहे अब ज्यादा बारिश होने और तालाब भर जाने पर भी रोज पानी नहीं मिल रहा। अफसर और बड़े लोग टैंकर और घर में बोर करवाने का खर्च सह सकते हैं। हमारे बारे में कोई नहीं सोचता।
– फकीर खां, रहवासी इमलीबन
– फकीर खां, रहवासी इमलीबन
हमारी कॉलोनी में कॉलोनाइजर ने पाइप लाइन बिछा रखी है, लेकिन नगर पालिका पानी सप्लाय से गुरेज कर रही है। कई बार आवेदन निवेदन कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
– गीताबाई, रहवासी, काशीबाग
– गीताबाई, रहवासी, काशीबाग