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डूब प्रभावित क्षेत्र के गांवों की कैफियत सर्वे की सूची में देरी

locationधारPublished: Sep 12, 2018 12:46:37 am

संशोधित सूची जारी नहीं होने से आक्रोश में हैं ग्रामीण

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डूब प्रभावित क्षेत्र के गांवों की कैफियत सर्वे की सूची में देरी

निसरपुर. 15 माह बीतने के बाद भी अभी तक सरदार सरोवर बांध में डूब क्षेत्र में आ रहे लोगों को पुनर्वास पैकेज देने को लेकर पात्र व अपात्र के साथ कैफियत में सुधार कर जारी होने वाली सूची अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इस सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई थी कि डूब क्षेत्र में किसे पात्र माना जाए व किसे नहीं? यह सूची अभी तक प्रकाशित न हो पाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। डूब क्षेत्र में अभी भी लोग हर पट्टाधारक को पुनर्वास पैकेज देने की मांग कर रहे हैं। जुलाई 2017 में सरकार ने कुक्षी तहसील के 21 डूब क्षेत्र के गांवों में सर्वे कर 3 हजार 170 परिवारों को डूब से विस्थापित माना था। इसमें से 2 हजार 727 परिवारों को पुनर्वास पैकेज के पात्र (जो 30 नियम वाली कैफियत बनाई गई थी।) माना गया था। बाकी परिवारों को पुनर्वास पैकेज से अपात्र कर दिया गया था। 15 माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पुनर्वास पैकेज को लेकर पात्र व अपात्र की उलझन सुलझ ही नहीं पा रही है।
कैफियत सुधार सर्वे लिस्ट तय ही नहीं – कलेक्टर दीपकसिंह ने 30 अगस्त को एक पत्र एसडीएम को जारी किया था। इसमें कुक्षी तहसील के डूब क्षेत्र के 10 गांवों के 119 परिवारों की कैफियत सुधार के प्रस्ताव पूर्व में दिए थे। इसके अतिरिक्त अब इन गांवों में और ऐसे कितने परिवार हैं। उनकी सूची 3 दिनों में पूर्ण कर जिले तक भिजवाने के निर्देश दिए थे। हालाकि अभी तक इस पर कार्य चल रहा है। ऐसे में अभी तक यह स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि कितने परिवारों को अपात्र की सूची से बाहर कर हितग्राहियों की सूची में शामिल किया गया है।
निसरपुर की ही तीन लिस्ट बनी: सरदार सरोवर बांध के डूब की जद में प्रदेश की सबसे बड़ी बसाहट है निसरपुर। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार यहां के पात्र हितग्राहियों के बाद कैफियत में सुधार के बाद अभी तक 3 लिस्ट बनी है।
पहली लिस्ट में 60, दूसरी में 121 व तीसरी में 165 इस तरह कुल 344 लोगों या परिवारों के नाम इसमें शामिल है। ऐसे ही अन्य ग्रामों में लगभग 200 से अधिक नाम गलत कैफियत के बाद शामिल किए गए हैं, लेकिन इसे लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
सूची के अभी तक सार्वजनिक न होने से असंतोष: कैफियत में जिन लोगों का सुधार किया गया है। उसके बाद उन लोगों की सूची को सार्वजनिक कर उस पर दावा आपत्ति ली जाती है, लेकिन अभी तक सूची को सार्वजनिक नहीं किया गया है। जो नियम के विरुद्ध है। गौरतलब है कि सालभर पूर्व भी पुनर्वास पैकेज का वितरण शुरू किया गया था। तब भी सूची को सार्वजनिक नहीं किया गया था। इसके चलते कई बिचौलिये सक्रिय हो गए थे और अब कैफियत सुधार के बाद भी जो लिस्ट बनी है। उसे भी सार्वजनिक नहीं करना संदेह पैदा कर रहा है, इससे लोगों में असंतोष पैदा हो रहा है।
सर्वे गलत हुआ, सभी को समान लाभ दें: निसरपुर के संजय पाटीदार व भरत पाटीदार ने बताया कि पूर्व में जो सर्वे हुआ। वही गलत है। कई पात्र लोगों को ही बाहर कर दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री ने हर पट्टेधारक को पैकज राशि देने की बात कही है तो फिर यह कैफियत में सुधार की सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है। संदीप, उमा व गौरव पाटीदार ने कहा कि कैफि यत सुधार के बाद सूची को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। ताकि लोगों को पता चल सके। सुरेश प्रधान ने कहा कि निसरपुर में 496 परिवार की कैफि यत गलत है। वहीं 370 परिवारों का रास्ता प्रभावित हो रहा है। इन लोगों को भी नियमानुसार पुनर्वास पैकज मिलना चाहिए।

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