मैजिक चालकों का कहना है कि क्षमता में बच्चे बैठाएं तो खर्चा नहीं निकल पाएगा, वहीं बच्चों के पालक भावराव से पिछे नहीं हट रहे हैं। गौरतलब है कि क्षमता से अधिक बच्चे बैठाए जाने से नाराज अफसरों ने स्कूली वाहनों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। निजी स्कूलों के लिए चल रहे वाहनों ने क्षमता में लाने का प्रयास शुरू कर दिया है, लेकिन कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां जाने वाले बच्चे वाहन बंद होने से परेशान है। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय के लिए निजी वाहल दौड़ते हैं, जिनमें क्षमता से अधिक बच्चे दिखाई दे रहे हैं। तीन दिन से बंद पड़े वाहनों के कारण बच्चे और उनके पालक परेशान है। बच्चों को स्कूल छोडऩा व उन्हें वापस लाने की कशमकश में परेशान पालक अब वाहन चालकों को पर्याप्त रकम देने को तैयार हैं, लेकिन प्रशासन की ऑटों चालकों पर कार्रवाई नहीं करना गैर वाजिब लग रहा है। केंद्रीय विद्यालय में करीब एक हजार बच्चे अध्ययपरत हैं, जो मैजिक और ऑटो से स्कूल आना जाना करते हैं। बता दें कि केवी अपने वाहनों का संचालन नहीं कर सकते हैं। जिससे पालकों को नीजी वाहनों के भरोसे रहना पड़ता है। ऐसा ही कई और छोटे प्राइवेट स्कूलों के हाल हैं, जहां बच्चों को लाने ले जाने के लिए निजी वाहनों का इस्तेमाल होता है।