मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला वर्सेज कमाल मौला मस्जिद में हाईकोर्ट के आदेश पर जारी ASI सर्वे का आज रविवार को 38वां दिन है। सोमवार को पुरातत्व विभाग की सर्वे टीम को अपनी ओर से बनाई रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करनी है। हालांकि, एएसआई टीम अपना सर्वे कार्य बढ़ाने की अवधि बढ़ाए जाने का आवेदन हाईकोर्ट में दायर कर चुकी है। कल इस पर भी सुनवाई होगी। टीम ने सर्वे कार्य को और 8 सप्ताह तक जारी रखने की अनुमति मांगी है। वहीं भोजशाला में दरगाह परिसर में अकल कुइंया का सर्वे कार्य जारी है। बताते चले कि, अबतक 3 दीवारों की लेयर ,सनातनी अवशेष ,गौमुख ,मूर्तियां, कई शिलालेख मिलने का दावा किया जा चुका है।
ASI टीम के द्वारा इन 38 दिनों में किए गए सर्वे की रिपोर्ट कल पेश की जानी है। साथ ही कितना काम बाकी है। क्यों 8 सप्ताह का समय और चाहिए। इसपर भी कोर्ट को स्पष्ट जवाब टीम द्वारा देना होगा। जीपीआर मशीन और कई आधुनिक मशीनों से जांच भोजशाला में होनी है, जिससे आने वाले दिनों में सर्वे की गति और तेज की जा सकेगी।
इस संबंध में हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा का कहना है कि पिछले 2 दिनों से हैदराबाद से आए विशेषज्ञ भोजशाला, कमाल मौलाना दरगाह परिसर और 50 मीटर के दायरे में जीपीआर मशीन से जांच के लिए स्थान चिन्हित कर रहे हैं। कोर्ट से अनुमति के बाद इस हफ्ते जीपीआर मशीन लाई जाएगी। ये मशीन भोजशाला में कमाल मौलाना दरगाह परिसर ओर 50 मीटर के दायरे में कच्चे व पक्के स्थानों पर प्राचीन अवशेषों का पता लगाने का काम करेगी।
वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद खान का कहना है कि अब तक चले सर्वे में हमारा पूरा सहयोग रहा, लेकिन सर्वे में कुछ चीजें विरुद्ध की गई है। 1 अप्रैल को माननीय न्यायालय ने आदेश दिया था उसके बाद जो चीजें की गईं, उसपर हमें आपत्ति है। हमने एएसआई को आपत्तियां दर्ज करा दी हैं। इन सभी मामलों में हमारे वकील कल होने वाली सुनवाई में तर्क रखेंगे। एएसआई ने सर्वे के समय बढ़ाने के लिए जो आवेदन दिया है उसमें भी हम कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराएंगे, क्योंकि सर्वे में जो गड्ढे खोदे गए हैं वो अब भी खुले पड़े हैं। गड्डो में पानी नहीं भरे ऐसा कोई इंतजाम तक नहीं किया गया। सर्वे टीम के इस रवैय्ये से मॉन्यूमेंट को खतरा हो सकता है।
बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, पुरातत्व विभाग की सर्वे टीम को धार भोजशाला परिसर में एएसआई टीम को एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण करना है। हिंदू पक्ष का दावा है कि 11वीं सदी के स्मारक भोजशाला में देवी सरस्वती का मंदिर है, जबकि मुस्लिम समुदाय यहां कमाल मौला मस्जिद होने का दावा करता है। हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआी को 6 हफ्तों का समय देकर भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करके विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
Hindi News/ Dhar / Bhojshala ASI Survey : भोजशाला ASI सर्वे का आखिरी दिन, हाईकोर्ट में कल पेश होगी ये रिपोर्ट! मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति