लेकिन एक दारोगा की सजगता की वजह से इसकी कलई खुल गई। पहले यह जिले के एसपी, क्षेत्र के विधायक या फिर अन्य अधिकारियों की असली नंबर पता करता था। फिर उसे फेंक कॉल करने वाले ऐप में फीड कर, दारोगा, तहसलीदार या अन्य लोगों को फोन करता था। लेकिन एक दारोगा ने एसपी के नाम से आए कॉल को रिसीव तो जरूर किया। लेकिन उसे आवाज पर शक हुआ तो उसने कॉल रिकॉर्ड कर उसे कई बार सुना। उसके बाद साइबर सेल से इसकी जांच शुरू करवाई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।
ऐसे हुआ खुलासा
शुक्रवार को एसपी आदित्यप्रताप सिंह और एएसपी देवेंद्र पाटीदार ने इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सागौर थाना प्रभारी प्रतीक शर्मा के मोबाइल पर एसपी धार के शासकीय मोबाइल से एक कॉल आया। कॉलर ने शर्मा को आदेशित किया कि राजपाल सिंह हैं सागौर के, इनका जो भी काम हो फोन पर ही हो जाना चाहिए। थाना प्रभारी को संदेह हुआ कि कॉलर की आवाज में भिन्नता है।
शुक्रवार को एसपी आदित्यप्रताप सिंह और एएसपी देवेंद्र पाटीदार ने इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सागौर थाना प्रभारी प्रतीक शर्मा के मोबाइल पर एसपी धार के शासकीय मोबाइल से एक कॉल आया। कॉलर ने शर्मा को आदेशित किया कि राजपाल सिंह हैं सागौर के, इनका जो भी काम हो फोन पर ही हो जाना चाहिए। थाना प्रभारी को संदेह हुआ कि कॉलर की आवाज में भिन्नता है।
चाचा की फाइल दिखवा लेना
एसपी ने बताया कि थानेदार के पास इस आरोपी का अगले दिन एक अक्टूबर को फिर फोन आता है। राजपाल सिंह ने अपने मोबाइल नंबर से थाना प्रभारी शर्मा से संपर्क किया। उसने कहा कि मेरे चाचा दिलीप सिंह पंवार की 12 बोर की बंदूक खराब हो जाने से आपके थाने पर शस्त्र क्रय-विक्रय की फाइल आई हैं, दिखवा लेना। थाना प्रभारी ने तस्दीक कर उक्त फाइल दो अक्टूबर में दिलीप सिंह निवासी ग्राम पिपलिया का आवेदन मिला। लेकिन थाना प्रभारी को जब शंका हुआ तो थाना प्रभारी ने आवेदन फाइल अपने कब्जे में ले ली।
एसपी ने बताया कि थानेदार के पास इस आरोपी का अगले दिन एक अक्टूबर को फिर फोन आता है। राजपाल सिंह ने अपने मोबाइल नंबर से थाना प्रभारी शर्मा से संपर्क किया। उसने कहा कि मेरे चाचा दिलीप सिंह पंवार की 12 बोर की बंदूक खराब हो जाने से आपके थाने पर शस्त्र क्रय-विक्रय की फाइल आई हैं, दिखवा लेना। थाना प्रभारी ने तस्दीक कर उक्त फाइल दो अक्टूबर में दिलीप सिंह निवासी ग्राम पिपलिया का आवेदन मिला। लेकिन थाना प्रभारी को जब शंका हुआ तो थाना प्रभारी ने आवेदन फाइल अपने कब्जे में ले ली।
फिर किया थाना प्रभारी को फोन
आरोपी राजपाल सिंह ने थाना प्रभारी को फिर एसपी के सरकारी नंबर से कॉल कर कहा कि दिलीप सिंह का काम कर दो। थाना प्रभारी ने इसके बाद कॉल रिकॉर्ड कर लिया। जांच करने पर राजपाल की आवाज और एसपी के नंबर से बात कर रहे कॉलर की आवाज समान होने पर फेंक कॉलिंग एप्लीकेशन से कॉल का संदेह हुआ। इसकी गोपनीय तरीके से तस्दीक की गई और सायबर शाखा क्राइम ब्रांच जिला धार के माध्यम से मोबाइल नंबरों की सीडीआर और सिम की जानकारी ली। इस पर मोबाइल नंबर से राजपाल द्वारा कॉल किया गया। वह मोबाइल नंबर राजपाल सिंह निवासी पिपलिया थाना सागौर के नाम पर दर्ज निकला।
आरोपी राजपाल सिंह ने थाना प्रभारी को फिर एसपी के सरकारी नंबर से कॉल कर कहा कि दिलीप सिंह का काम कर दो। थाना प्रभारी ने इसके बाद कॉल रिकॉर्ड कर लिया। जांच करने पर राजपाल की आवाज और एसपी के नंबर से बात कर रहे कॉलर की आवाज समान होने पर फेंक कॉलिंग एप्लीकेशन से कॉल का संदेह हुआ। इसकी गोपनीय तरीके से तस्दीक की गई और सायबर शाखा क्राइम ब्रांच जिला धार के माध्यम से मोबाइल नंबरों की सीडीआर और सिम की जानकारी ली। इस पर मोबाइल नंबर से राजपाल द्वारा कॉल किया गया। वह मोबाइल नंबर राजपाल सिंह निवासी पिपलिया थाना सागौर के नाम पर दर्ज निकला।
घर से पकड़ा गया आरोपी
थाना प्रभारी सेक्टर पीथमपुर चंद्रभान सिंह चडार ने थाना प्रभारी सागौर और उनकी टीम के साथ मिलकर आरोपी राजपाल सिंह को उनके घर से पकड़ा। आरोपी के मोबाइल फोन को कब्जे में लिया। जांच में मोबाइल फोन में फेक कॉल ऐप इंस्टाल मिला। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी की एक कंस्ट्रक्शन फर्म हमेंद्र सिंह पटेल कंस्ट्रक्शन है। उसने पुलिस को बताया कि हम टेंडर से शासकीय कांट्रैक्ट लेते हैं। कई बार दफ्तरों में फाइल पास कराने में दिक्कत आती थी। ऐसे में बड़े अधिकारी के नाम से कर्मचारियों को फोन लगाते थे और काम जल्दी हो जाता था।
थाना प्रभारी सेक्टर पीथमपुर चंद्रभान सिंह चडार ने थाना प्रभारी सागौर और उनकी टीम के साथ मिलकर आरोपी राजपाल सिंह को उनके घर से पकड़ा। आरोपी के मोबाइल फोन को कब्जे में लिया। जांच में मोबाइल फोन में फेक कॉल ऐप इंस्टाल मिला। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी की एक कंस्ट्रक्शन फर्म हमेंद्र सिंह पटेल कंस्ट्रक्शन है। उसने पुलिस को बताया कि हम टेंडर से शासकीय कांट्रैक्ट लेते हैं। कई बार दफ्तरों में फाइल पास कराने में दिक्कत आती थी। ऐसे में बड़े अधिकारी के नाम से कर्मचारियों को फोन लगाते थे और काम जल्दी हो जाता था।
विधायक मेंदोला के नाम से भी किया फोन
एसपी ने बताया कि नपा पीथमपुर के सीएमओ को भी इंदौर के विस क्षेत्र-2 के विधायक रमेश मेंदोला के मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर राजपाल पंवार ने ग्राम राधानगर स्थित एमपीईबी ग्रिड पर इंजीनियर जैन को कॉल किया। पटवारी, आरआई के कर्मचारियों को भी आरोपी ने अधिकारी बनकर फाइलें पूरा करने के निर्देश दिए थे। राजपाल ने बंदूक के लाइसेंस के लिए धार कलेक्टर को भी विधायक मेंदोला के नंबर का दुरुपयोर कर कॉल किया। राजपाल एक साल से ऐप के जरिए फेंक अधिकारी बन अपना काम निकालता था। वह थर्ड ईयर इंजीनियरिंग का छात्र है।
एसपी ने बताया कि नपा पीथमपुर के सीएमओ को भी इंदौर के विस क्षेत्र-2 के विधायक रमेश मेंदोला के मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर राजपाल पंवार ने ग्राम राधानगर स्थित एमपीईबी ग्रिड पर इंजीनियर जैन को कॉल किया। पटवारी, आरआई के कर्मचारियों को भी आरोपी ने अधिकारी बनकर फाइलें पूरा करने के निर्देश दिए थे। राजपाल ने बंदूक के लाइसेंस के लिए धार कलेक्टर को भी विधायक मेंदोला के नंबर का दुरुपयोर कर कॉल किया। राजपाल एक साल से ऐप के जरिए फेंक अधिकारी बन अपना काम निकालता था। वह थर्ड ईयर इंजीनियरिंग का छात्र है।