दुर्घटना बीमा की गई थी शुरू
जिले में 1485 शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं, जहां हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। अधिकांश गांवों में स्कूलों की दूरी अधिक है। इस कारण छात्रों साइकिल से आना-जाना करना पड़ता है। ऐसे में सफर के दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
शासन द्वारा इस प्रकार की दुर्घटनाओं में पीडि़त छात्र और उसके परिवार को राहत देने के लिए वर्ष २००५-०६ में छात्र दुर्घटना बीमा योजना शुरू की गई थी। बीमा की राशि कम होने से यह योजना मजाक बनकर रह गई थी। अधिकांश पीडि़त परिवार तो राशि लेने के लिए भी सामने नहीं आते थे।