शनिवार को पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली थी कि जबर्रा-खरका के जंगल में गोबरा एलओएस का सदस्य रामदास और कुछ माओवादी छुपे हुए है। इनमें कुछ सिविल ड्रेस में भी हैं। तत्काल दुगली पुलिस अलर्ट हो गई और दूसरे दिन रविवार को सुबह गरियाबंद सीमा से लगे जिले के जबर्रा, खरका के जंगल में सर्चिंग अभियान छेड़ दिया।
इस बीच पुलिस पार्टी को देखकर जंगल में एक संदिग्ध व्यक्ति भागने लगा। किसी तरह पीछा कर जवानों ने उसे दबोच लिया। जब कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने अपना नाम धनीराम नेताम बताया। वह ग्राम गरीबा थाना शोभा (गरियाबंद) का निवासी है। पुलिस ने बताया कि धनीराम बीते साल तेलांगाना गया था, वहां माओवादियों के संपर्क में आ गया। इसके बाद वह किरंदुल में आकर ठेका श्रमिक के रूप में काम करने लगा। यहां उसकी मुलाकात मलागिर एरिया कमेटी के माओवादी लीडर हडमा उर्फ हुंगा से हुई। हडमा ने अन्य माओवादियों से मिलाकर संगठन में काम करने के लिए कहा। इसके बाद उसने घने जंगल में शस्त्र चलाने तथा मुठभेड़ में घायल माओवादियों को उपचार के लिए उठाकर ले जाने की ट्रेनिंग ली।
एसपी, रजनेश सिंह ने बताया पुलिस को गिरफ्तार माओवादी से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। पुलिस लगातार क्षेत्र में अपनी सर्चिंग कर रही है। जल्द ही और सफलता मिलेगी।