उल्लेखनीय है कि शहर में वर्ष-2022 तक करीब 6 हजार पीएम आवास बनना है। पहले चरण में करीब 33 करोड़ की लागत से छह सौ मकान बनाए जा रहे हैं, लेकिन इसकी धीमी गति तथा गुणवत्ता को लेकर उदासीनता बरती जा रही है। आमापारा के हितग्राही बूढ़ान यादव, मकेश्वर वार्ड के कौशल कुमार, राजकुमार आदि ने इसकी शिकायत की। इसे लेकर पत्रिका ने लगातार खबरें प्रकाशित भी की, जिसके बाद निगम प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है। बढ़ती शिकायतों को देखते हुए महापौर अर्चना चौबे अब खुद पिछले तीन दिनों से घूम-घूमकर पीएम आवास की गुणवत्ता की निगरानी कर रही है। उन्होंने मकेश्वर वार्ड, हटकेशर, शीतलापारा और महंत घासीदास वार्ड का दौरा निगम के इंजीनियरों को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ इसका निर्माण पूरा कराने का निर्देश दिया।
साथ ही उन्होंने हिदायत भी दी है कि यदि अब कहीं से भी पीएम आवास को लेकर शिकायतें आई तो संबंधित इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। निगम सूत्रों के मुताबिक मोर जमीन मोर आवास (बीएलसी) योजना के तहत शहर में 604 पीएम आवास स्वीकृत किया गया है। करीब 8 करोड़ 50 लाख की लागत से इस योजना के तहत 270 आवास निर्माण का काम शुरू किया गया था। इनमें से अब तक 82 आवास का काम ही पूरा हो सका है।