गौरतलब है कि करीब 44 एकड़ क्षेत्रफल वाले पेंटिंग गंज में से 30 एकड़ जमीन को 105 भूखंड में बांटकर 69 लोगों को लीज पर दिया गया था। इनमें से 77 भूखंडों की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है। लेकिन अब वो लोग जमीन खाली करने की बजाय कोर्ट चले गए। पेंटिंग गंज की लीज राशि के रूप में निगम प्रशासन को हर साल 3 करोड़ 89 लाख रुपए का राजस्व मिलता था। लेकिन वर्ष 2014-15 के बाद से इसकी वसूली बकाया बढ़कर आज करीब 20 करोड रुपया हो चुका है। अब बाकि लीज वाले भी पैसे जमा करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं । ऐसे में निगम प्रशासन सकते में हैं। अब नए कमिश्नर एके हालदार ने पेंटिंग गंज की फाइल को स्टडी के लिए फिर से अपने चेंबर में बुलाया है।