धमतरी जिले में इन दिनों चुनाव को लेकर राजनैतिक सरगर्मी पूरे ऊफान पर है। इस बीच एक पार्टी विशेष से जुड़े लोग रेत के अवैध दोहन में भी पीछे नहीं है। इन रेत माफियाओं की मनमानी से ही क्षेत्र के दस गांवों में नदी-तटीय क्षेत्रों को भारी नुकसान पहुंचा है।बता दें कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी रेत खदानों को भी बंद करा दिया है।बताया गया है कि जिलेभर में करीब 40 से ज्यादा रेत खदानें स्वीकृत है, जिनमें से अमेठी, दर्री, खरेंगा, लीलर, दोनर, लड़ेर, सेलदीप, मंदरौद, मोहेरा खदान चल ही रही थी।
सप्ताहभर पहले केन्द्रीय पर्यवेक्षकों की टीम यहां आई तो खनिज विभाग ने खदानों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है, लेकिन रेत माफियाओं पर इस फरमान का कोई असर नहीं पड़ा। आज भी इन खदानों से अवैध रूप से सैकड़ों ट्रीप रेत निकाली जा रही है। इससे कोलियारी से लेकर, खरेंगा, दोनर और सिवनीखुर्द के सैकड़ों ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
धमतरी एसडीएम सीडी वर्मा ने बताया कि चुनाव को देखते हुए जिले के सभी रेत खदानों को बंद कर दिया गया है। इसकी निगरानी के लिए मैदानी अमला भी लगाया गया है। इसके बाद भी यदि महानदी से अवैध रूप से रेत की निकासी हो रही है, तो ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।