बता दे कि पिछले साल बिलासपुर आयुर्विज्ञान (सिम्स) में इलाज के दौरान एक बालक की मौत हो गई थी। इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया था। इसमें डाक्टरों की लापरवाही खुलकर सामने आई थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी अस्पतालो के लिए गाइड लाइन जारी कर प्रदेश सरकार को इसका पालन कराने के लिए कहा था।
इसी तारतम्य में धमतरी जिला अस्पताल में 4 सीएचसी सेंटर, 23 पीएचसी सेंटर, 1 सिटी अस्पताल, 169 उपस्वास्थ्य केन्द्र और 13 शहरी स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत डाक्टरोंं ने स्वास्थ्य संचालनालय को ड्यूटी के दौरान निजी प्रेक्टिस नहीं करने का शपथ पत्र 3 -3 सेटों में भरकर दिया था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कड़ाई से नियमों का पालन कराए जाने से सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा, लेकिन वर्तमान में थोड़ी सी ढील मिलने के बाद डाक्टर फिर से बेलगाम हो गए हैं। शनिवार को पत्रिका ने कुछ शासकीय डाक्टरों के नर्सिंग होम की पड़ताल तो पता चला कि डाक्टर अपनी ड्यूटी छोडक़र निजी नर्सिंग होम में घंटों प्रेक्टिस कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियोंं को इसकी जानकारी होने के बाद वे कार्रवई के लिए ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में उनके हौसले बुलंद हैं।
सीएमएचओ डॉ डीके तुर्रे ने बताया कि जिले के सभी शासकीय डाक्टरों ने शपथ पत्र भरकर दिया है। अब तक कहीं से भी डाक्टरों के निजी पेे्रक्टिस को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।