उल्लेखनीय है कि 1 अगस्त से अपनी मांगों को लेकर जिलेभर के 4 सौ स्वास्थ्य संयोजक अनिश्चितकाली हड़ताल पर चले गए थे। उन्होंने 45 दिनों तक रायपुर में शासन के खिलाफ आवाज बुलंद की। इस दौरान स्वास्थ्य केन्द्रों में व्यवस्था चरमरा गई थी। गर्भवती महिलाओं का चेकअप हो रहा था और न ही शिशुओं का टीकाकरण। स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होते देख शासन को एस्मा लागू करना पड़ा। नोटिस मिलने के बाद भी काम पर वापस नहीं लौटने वाले कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। 15 सितंबर को पदाधिकारियों ने केबिनेट मंत्री अजय चंद्राकर से मुलाकात कर मांगों को लेकर अपना पक्ष रखा। मंत्री की ओर से सभी मांगों को पूरा करने और आंदोलन के दौरान जारी सभी आदेश को शून्य घोषित करने का आश्वासन मिलने पर उन्होंने हड़ताल समाप्त कर दिया था।
सीएमओ हेल्थ, डॉ डीके तुर्रे ने बताया स्वास्थ्य कर्मचारियों का आंदोलन समाप्त हो गया है। बर्खास्त कर्मचारियों के ज्वाइनिंग के संबंध में शासन से कोई निर्देश नहीं मिला है।