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मुठभेड़ में मारे गए माओवादी कमांडर का परिजनों ने शव लेने से किया इंकार, तो पुलिस ने करवाया अंतिम संस्कार

locationधमतरीPublished: Sep 07, 2018 02:16:21 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया इसके बाद पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए उसकी लाश को स्वर्गधाम सेवा समिति को सौंप दिया है।

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मुठभेड़ में मारे गए माओवादी कमांडर का परिजनों ने शव लेने से किया इंकार, तो पुलिस करवाया अंतिम संस्कार

धमतरी. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में वनांचल में मुठभेड़ में मारे गए माओवादी कमांडर जयसिंह का शव परिजनों ने लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए उसकी लाश को स्वर्गधाम सेवा समिति को सौंप दिया है। समिति ने देर शाम नहर किनोर शांतिघाट में उसका अंतिम क्रियाकर्म किया।

उल्लेखनीय है कि बीते 3 सितंबर को जिले के धुर माओवाद प्रभावित मादागिरी-तेंदूडोंगरी पहाड़ी में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। घने जंगल में करीब आधे घंटे तक दोनों ओर से गोलीबारी हुई, जिसमें गोबरा एलओएस के कमांडर जयसिंह मारा गया। इसके बाद जंगल से मृत माओवादी का शव को लेकर पुलिस जिला मुख्यालय लौट आई। जिला अस्पताल के चीरघर में कड़ी सुरक्षा के बीच जयसिंह के शव को परिजनों के इंतजार में रखा गया।

शव को ले जाने के लिए पुलिस उनके घर मानपुर (राजनांदगांव) खबर भी भेजा, लेकिन परिजनों ने शव को अपने साथ ले जाने से इनकार कर दिया। परिजनों ने पुलिस को स्पष्ट कह दिया कि जयसिंह जब 12 साल पहले घर से निकल कर माओवादियों के साथ चला गया था, तभी से उनके सारे रिश्ते-नाते टूट गए थे। इस कारण अब उनसे कोई सरोकार नहीं है। परिजनों के इनकार करने के बाद गुरूवार को एसपी रजनेश सिंह ने अंतिम संस्कार करने के लिए शहर के समाजसेवी संस्था स्वर्गधाम सेवा समिति से संपर्क किया।

पुलिस के प्रस्ताव पर अध्यक्ष अशोक पवार तत्काल तैयार हो गए और देर शाम को अपने साथियों संतोष सार्वा, दयाराम यादव, सीएल ध्रुव, अजय वाल्मिकी के साथ नहर किनारे शांतिघाट में माओवादी कमांडर जयसिंह को पूरे विधि विधान के साथ दफनाया। बताया गया है कि भविष्य में यदि डीएनए टेस्ट कराने की नौबत आई, तो उसके लिए पुलिस शव के कुछ हिस्सों को सुरक्षित रखनी की बात कही है।

एसपी , रजनेश सिंह ने बताया मुठभेड़ में मारे गए माओवादी कमांडर का शव लेने से परिजनों के इनकार के बाद उसे दफनाने स्वर्गधाम सेवा समिति को सौंप दिया गया। भविष्य में यदि डीएनए टेस्ट की नौबत आई, तो इसके लिए शव के अंग को सुरक्षित रखा जाएगा।

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