प्रदेश शासन की ओर से नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करने और गर्भवती महिलाओं की देखभाल करने के लिए जिले मेंं 1103 आंगनबाडिय़ोंं का संचालन किया जा रहा है। यहां वर्र्तमान में 23 सौ से अधिक कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं कार्यरत हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनोंं 18 हजार रुपए वेतनमान समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर जूझारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ के बैनर तले महिलाओं ने हड़ताल किया था, जिसमें धमतरी, भखारा, कुरूद और मगरलोड की 450 कार्यकर्ता और सहायिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया था।
इनमें से जिले की 398 कार्यकर्ताओंं की बहाली तो कर दिया गया है, लेकिन धमतरी जिले की 52 सहायिकाओ और कार्यकर्ताओ को अपनी बहाली के लिए विभागीय कार्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। कार्यकर्ता पार्वती सोनकर, उमा नाग का कहना है कि अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी वे पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी कर रही है। इसके बाद भी उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्हें परेशानी हो रही है।
अधिकारी, रेणु प्रकाश ने बताया जिले में बर्खास्त कार्यकर्ता और सहायिकाओं की बहाली के लिए प्रक्रिया जारी है। शेष बचे कार्यकर्ताओं की जल्द ही बहाली कर दी जाएगी।
नहीं की गई कार्रवाई
कार्यकर्ता गौरी सिन्हा, रेणु तिवारी ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमनसिंह ने नि:शर्त बर्खास्त कार्यकर्ता और सहायिकाओं की बहाली करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। ऐसे मेंं उनमें रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि वे जल्द ही आंदोलन करेंगे।