उल्लेखनीय है कि देवास विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2008 में तत्कालीन विधायक स्व तुकोजीराव पवार के कार्यकाल में ट्रांसपोर्ट नगर का प्रोजेक्ट तैयार किया था। प्रोजेक्ट के तहत करीब 11 हैक्टेेयर जमीन पर ट्रांसपोर्ट नगर विकसित किया जाना था। प्रोजेक्ट के तहत कुछ किसानों की निजी भूमि भी आ रही थी। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई हुई थी और अवॉर्ड पारित हुए थे लेकिन करीब 22 किसानों ने राशि न लेते हुए न्यायालय की शरण ली थी। किसान उस समय ज्यादा राशि की मांग कर रहे थे। इसके बाद से ट्रांसपोर्ट नगर प्रोजेक्ट अटका हुआ था। मामला बाद में हाईकोर्ट तक पहुंचा और वहां से कुछ माह पूर्व विकास प्राधिकरण के पक्ष में फैसला दिया गया था। इसके बाद पिछले दिनों प्राधिकरण ने जमीन पर कब्जा लेने की कवायद शुरू की।
पिछले दिनों प्राधिकरण की टीम द्वारा राजस्व विभाग व नगर निगम के साथ जाकर अधिग्रहित जमीन पर कब्जा लेने की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान किसानों ने हंगामा किया था। इसके बाद सख्ती करते हुए मौके पर कुछ जमीन से कब्जा हटवाकर रोड का कार्य शुरू किया गया था। रोड के बाद अब एक-दो दिन में अन्य कार्यों के टैंडर भी जारी किए जाएंगे।
प्राधिकरण पैसा देने को राजी, लेकिन नहीं ले रहे
प्रोजेक्ट के तहत करीब 22 किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ था। कोर्ट से निराकरण होने के बाद प्राधिकरण मुआवजे की राशि देने को तैयार है लेकिन किसान लेने को तैयार नहीं है।
ट्रांसपोर्ट नगर प्रोजेक्ट के तहत रोड का काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल कुछ जमीन पर किसानों की फसल खड़ी है। फसल कटने के बाद उसका भी कब्जा ले लिया जाएगा। विभिन्न कार्यों के लिए टैंडर निकाले जा रहे हैं। लॉङ्क्षटग की जाएगी।
-विशाल सह चौहान, सीईओ विकास प्राधिकरण