इंदौर-बैतूल हाइवे को फोरलेन करने के लिए तीन हिस्सों में काम होना है। इसके पहले चरण में कन्नौद के समीप ननासा से हरदा के पिडग़ांव तक के 55 किमी के हिस्से में फोरलेन का कार्य शुरू हो चुका है। इस हिस्से में ननासा, खातेगांव, नेमावर में बायपास बन रहे हैं। साथ ही नर्मदा नदी पर फोरलेन ब्रिज का निर्माण भी किया जा रहा है। राघौगढ़ से ननासा व इंदौर से राघौगढ़ के बीच भू-अर्जन की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। यहां की तमाम अनुमतियां मिलने के बाद अब घाट क्षेत्र की डिजाइन भी फाइनल हो चुकी है। प्रोजेक्ट के तहत इंदौर से ननासा तक के दोनों हिस्सों में आने वाले डबलचौकी, राघौगढ़, चापड़ा, कन्नौद, खातेगांव, नेमावर में बायपास निकाले जाएंगे।
इंदौर से बैतूल तक करीब 260 किमी का फोरलेन हाइवे छह हिस्सों में बनेगा। 2018 में आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के बाद तीन हिस्सों में काम शुरू हुआ था। इसमें फिलहाल जिले में केवल ननासा से हरदा के पिडग़ांव तक काम शुरू हुआ है। इंदौर से राघौगढ़ और राघौगढ़ से ननासा तक का कार्य शुरू होना बाकी है। प्रोजेक्ट के तहत 6 हिस्सों में 4583 करोड़ रुपए की लागत से इंदौर से बैतूल तक फोरेलेन का निर्माण किया जाएगा। इस निर्माण के 2024 में पूरा होने की संभावना है।
ट्रक-डंपरों से रोज होते हैं हादसे
इंदौर-बैतूल हाइवे इस समय हादसों का पर्याय बना हुआ है। नेमावर से इंदौर के बीच रोड टू लेन है। नर्मदा क्षेत्र होने से हरदा-नेमावर, होशंगाबाद क्षेत्र से प्रतिदिन हजारों ट्रक व डंपर रेत लेकर इंदौर व देवास पहुंचते हैं। तेज रफ्तार डंपर-ट्रकों के कारण इस हाइवे पर लगभग रोज हादसे होते हैं। फोरलेन बनने के बाद जहां सफर आसान हो जाएगा वहीं हादसों पर भी अंकुश लग सकेगा। वहीं धनतालाब घाट पर आए दिन लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।