बारिश में कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति के चलते बाढ़ जैसे हालत बन जाते है। हर साल नालों का पानी शहर की सड़कों तक आ जाता है जिसके चलते कई कॉलोनियों का रास्ता बंद हो जाता है। पिछले दो साल से बारिश कम हुई। कम बारिश के चलते ऐसे हालत पिछले दो साल में तो नहीं बने लेकिन इसके पूर्व के अनुभव शहरवासियों के अच्छे नहीं रहे है। इस बार नगर निगम ने नालों की सफाई के काम को गंभीरता से लिया है। बारिश के दो माह पूर्व से ही नालों की सफाई कार्य शुरू कर दिया गया है। नगर निगम की योजना है कि नालों के जिन क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति अधिक बनती है, वहां पर सबसे पहले नालों की सफाई की जाए, इसे लेकर शुक्रवार को नागधम्मन नदी की सफाई नागदा व पालनगर के बीच स्थिति क्षेत्र में की गई। यहां पर दिनभर निगम की जेसीबी चली। पानी का तेज बहाव नदी के बीच बने टीलों के कारण बाधित होता था, जिसे तोड़कर समतल किया गया। इसके अलावा नदी की साफ-सफाई भी की गई।
टेक्निकल मशीन से होगी तोडफ़ोड़ निगम शहर के अंदर के पक्के नालों की सफाई भी अलगे चरण में कराएगा। पक्के नालों में तोडफ़ोड़ से नुकसान नहीं हो इसके लिए टेक्निकल मशीन का सहारा लिया जाएगा। शहर के पक्के नालों की बाढ़ तेज बारिश में एबी रोड तक आ जाती है। नालों के आसपास की कॉलोनियों में इसके कारण जलजमाव की स्थिति बन जाती है। परेशानी को दूर करने अब मशीन के जरिए पक्के नालों की सफाई की जाएगी।
बारिश पूर्व नदी, नालों की सफाई का काम शुरू किया गया है। शुक्रवार को नागधम्मन नदी की सफाई की गई। नदी क्षेत्र में बाधक टीलों को जेसीबी चलाकर तोड़ा गया। अभियान पूरे माह चलेगा। अभी उन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जहां जलजमाव की स्थिति बारिश में बनती है। पहले कच्चे नालों की सफाई होगी उसके बाद पक्के नालों को साफ किया जाएगा।
हरेंद्र ठाकुर, स्वच्छता निरीक्षक
नगर निगम देवास।
बारिश पूर्व नदी, नालों की सफाई का काम शुरू किया गया है। शुक्रवार को नागधम्मन नदी की सफाई की गई। नदी क्षेत्र में बाधक टीलों को जेसीबी चलाकर तोड़ा गया। अभियान पूरे माह चलेगा। अभी उन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जहां जलजमाव की स्थिति बारिश में बनती है। पहले कच्चे नालों की सफाई होगी उसके बाद पक्के नालों को साफ किया जाएगा।
हरेंद्र ठाकुर, स्वच्छता निरीक्षक
नगर निगम देवास।