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भाजपा नेता ने की थी डीईओ व सहायक ग्रेड 3 की शिकायत, अप्रैल में दिए जांच के आदेश

locationदेवासPublished: Apr 24, 2019 04:51:08 pm

अनियमितता को लेकर : कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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भाजपा नेता ने की थी डीईओ व सहायक ग्रेड 3 की शिकायत, अप्रैल में दिए जांच के आदेश

देवास. बोर्ड परीक्षाओं के दौरान डीईओ व सहायक ग्रेड 3 पर लगे आरोप के मामलों की जांच के लिए कलेक्टर ने तीन अधिकारियों का दल बनाया है। दल को निर्देश दिए हैं कि सात दिन में जांच पूरी कर प्रतिवेदन भेजें। इस पर सवाल उठने लगे हैं। जिस शिकायत की जांच के आदेश हुए हैं वह 18 मार्च को की गई थी लेकिन आदेश 18 अप्रैल को जारी हुए। जब शिकायत परीक्षाओं के दौरान ही हो गई थी तो जांच के आदेश देने में समय क्यों लगा। कहा यह भी जा रहा है कि शिक्षा विभाग के ही एक अधिकारी ने पूरी पटकथा तैयार की है और अपने नाम की बजाय भाजपा नेता के नाम से शिकायत करवाई।
दरअसल, भाजपा नेता दुर्गेश अग्रवाल ने शिकायत की थी। आरोप लगाए थे कि जिला शिक्षा अधिकारी सीबी केवट व सहायक ग्रेड 3 राहुल निलोत्से ने बोर्ड परीक्षा के दौरान केंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्ष कलेक्टर के अनुमोदन के बगैर बदल दिए। नियम यह रहता है कि भोपाल से आने वाली सूची को कलेक्टर के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाता है इसके बाद ही बदलाव संभव है लेकिन डीईओ ने ऐसा नहीं किया और अपने हिसाब से सूची में बदलाव किया। करीब 60 से 70 फीसदी केंद्राध्यक्ष बदल दिए। कुछ में ही कलेक्टर से अनुमोदन करवाया गया जबकि अधिकांश मामलों में अपने हिसाब से बदलाव किया। शिकायतकर्ता ने आर्थिक अनियमितता के आरोप लगाए। इतना ही नहीं यहां तक कहा गया कि राहुल निलोत्से की पदस्थापना विकासखंड कार्यालय में है लेकिन डीईओ केवट ने उसे परीक्षा जैसे अहम काम की जिम्मेदारी दी। मांग की गई कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए।
तीन अधिकारियों का दल करेगा जांच

शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने १८ अप्रैल को जांच समिति बनाई। इस समिति में संयुक्त कलेक्टर अरविंद चौहान, लेखाधिकारी वेश्ता डाबर और जिला परियोजना समन्यवक राजीव सूर्यवंशी को जांच के आदेश दिए। आदेश में उल्लेख किया कि डीईओ सीबी केवट और सहायक ग्रेड 3 राहुल निलोत्से के विरुद्ध अनियमितता संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत में प्राप्त बिंदुओं की जांच कर सात दिन में प्रतिवेदन भेजें। संयुक्त कलेक्टर चौहान को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। डीपीसी सूर्यवंशी ने कहा कि जांच के आदेश मिले हैं। जांच पूरी कर प्रतिवेदन भेजा जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी सीबी केवट को भी फोन किया लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।
पर्दे के पीछे विभागीय अधिकारी

शिकायत भले ही भाजपा नेता ने की हो लेकिन इसके तार शिक्षा विभाग से ही जुड़े हैं। सूत्रों का कहना है कि जिस भाजपा नेता ने शिकायत की है उनके रिश्तेदार शिक्षा विभाग में है। उक्त रिश्तेदार ने ही पूरी पटकथा लिखकर भाजपा नेता से शिकायत करवाई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी कई मर्तबा दूसरी शिकायतों में ऐसे नामों से शिकायत करवाई गई है जिनकी कोई जानकारी विभाग में नहीं है। अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के काम किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि शिक्षा विभाग में खींचतान के साथ ही अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी के चलते ढर्रा नहीं सुधर रहा।
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