प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राही को 2.50 लाख रुपए की राशि अलग-अगल किश्तों में मकान बनाने के लिए दी जाती है। अगर समय रहते फर्जी दस्तावेजों की जांच न होती तो करीब 18 करोड़ रुपए का चूना लग जाता।
सबसे ज्यादा मामले 4 वार्ड के
जिन आवेदनों में गड़बड़ी मिली है उनमें सबसे ज्यादा शहर के चार वार्डों के हैं। इनमें वार्ड 14, 15, 16, 17 शामिल हैं। इन्हीं वार्डों से फर्जी दस्तावेज लगाकर सबसे ज्यादा आवेदन हुए थे। फर्जी दस्तावेज के मामले सामने आने के बाद अब निगम ने इस मामले में सख्ती कर दी।
714 आवेदन निरस्त
ऐ से में एक के बाद एक आवेदन की जांच हुई तो अब तक करीब 714 आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। सूत्रों की माने तो पूर्व में संबधित विभाग के जिम्मेदारों ने दस्तावेजों की बारीकी से जांच नहीं की। अगर जांच की जाती तो पहले भी ऐसे मामले सामने आ सकते थे।