कृषि विशेषज्ञों ने दी जानकारी
कार्यशाला में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को पशुओं के लिए पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए हरे चारा के बारे में जानकारी दी। साथ ही उसके संरक्षण को लेकर साइलेज के बारे में बताया गया। कृषि विशेषज्ञों का मानना था कि बढ़ती आबादी और आधुनिकीकरण से परंपरागत चारागाहों वनों चारे के लिए भूमि का क्षेत्रफल निरंतर घटता जा रहा है। इसके फलस्वरुप हरे चारे की उपलब्धता में कमी देखने को मिल रही है। जिससे आगामी भविष्य को देखते हुए चारे की आपूर्ति को बरकरार रखना भी बेहद जरूरी है। जिसका उपाय साइलेज विधि से हरे हरे चारे को संरक्षित करना सबसे उत्तम विकल्प माना गया है।
कार्यशाला में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को पशुओं के लिए पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए हरे चारा के बारे में जानकारी दी। साथ ही उसके संरक्षण को लेकर साइलेज के बारे में बताया गया। कृषि विशेषज्ञों का मानना था कि बढ़ती आबादी और आधुनिकीकरण से परंपरागत चारागाहों वनों चारे के लिए भूमि का क्षेत्रफल निरंतर घटता जा रहा है। इसके फलस्वरुप हरे चारे की उपलब्धता में कमी देखने को मिल रही है। जिससे आगामी भविष्य को देखते हुए चारे की आपूर्ति को बरकरार रखना भी बेहद जरूरी है। जिसका उपाय साइलेज विधि से हरे हरे चारे को संरक्षित करना सबसे उत्तम विकल्प माना गया है।
दुग्ध उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि साइलेज से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है। वेटनरी विश्वविद्यालय में भारत सरकार की ओर से आए इस कार्यक्रम को लेकर किसानों को तीन साल के अंदर जागरूक भी किया जाएगा। जिससे पशुपालक साइलेज के बारे में ठीक से जान सकेंगे।
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि साइलेज से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है। वेटनरी विश्वविद्यालय में भारत सरकार की ओर से आए इस कार्यक्रम को लेकर किसानों को तीन साल के अंदर जागरूक भी किया जाएगा। जिससे पशुपालक साइलेज के बारे में ठीक से जान सकेंगे।
साइलेज विधि को बताया बेहतर
इसी मौके पर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। जहां उन्होंने साइलेज की योजना को किसानों के लिए बेहतर बताया। वहीं वेटनरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ केएमएल पाठक ने साइलेज के बारे में जानकारी देते कहा कि इससे दुधारु पशुओं के दूध में भी बढ़ोतरी होगी।
इसी मौके पर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र कार्यशाला में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। जहां उन्होंने साइलेज की योजना को किसानों के लिए बेहतर बताया। वहीं वेटनरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ केएमएल पाठक ने साइलेज के बारे में जानकारी देते कहा कि इससे दुधारु पशुओं के दूध में भी बढ़ोतरी होगी।