Video: आखिर पिंजरे में कैद हो गया यह भी
कुंभलगढ़/राजसमंद. उसर पंचायत के अट्टुम्बा गांव में वनविभाग द्वारा लगाए पिंजरे में सोमवार को एक और पैंथर कैद हो गया।
उसर पंचायत के अट्टुम्बा गांव में वनविभाग द्वारा लगाए पिंजरे में सोमवार को एक और पैंथर कैद हो गया। सात दिन पूर्व भी एक मादा पैंथर पिंजरे में आई थी। पैंथर कैद होने की सूचना मिलने पर यहां ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। जिन्हे हटाने के लिए पुलिस कार्मियों को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी। गौरतलब है कि किशोरी संगीता का 6 जनवरी को पैंथर शिकार कर लिया था तबसे यहां पिंजरा लगा है। दूसरा पैंथर पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत महसूस की है।
सुबह सात बजे किशोर नारुराम व पन्नाराम पिंजरे में रखे श्वान के बच्चे को देखने आए तो पिंजरे में कैद पैंथर ने दहाड़ लगाई। इससे किशोर घबरा गए। मामले की जानकारी होने पर सरपंच भंवरलाल ने क्षेत्रीय वन अधिकारी विनोद रॉय व केलवाड़ा थाना अधिकारी रामेश्वरलाल को पैंथर कैद होने की जानकारी दी। इस पर पुलिस व वनविभाग की टीम मौके पर पहुंची। पिंजरे के पास उमड़ी भीड को दूर कर पिंजरे को ढका।
राजसमंद से आए उडन दस्ते के वनपाल देवीलाल,पायलट लच्छीराम ने वनकर्मियों, पुलिसकर्मियों के सहयोग से पिंजरे को घसीटकर एक किमी दूर खड़े वाहन में रखा। इस दौरान पिंजरे के पीछे सैकडों ग्रामीण खूंखार पैंथर को देखने के लिए दौड़ रहे थे। जिन्हे पुलिसकर्मियों ने खदेड़कर हटाया। वाहन में रखने के बाद वनविभाग के अधिकारी पैंथर को अज्ञात स्थान के लिये लेकर निकल गए। इस दौरान उपनिरीक्षक प्रभुलाल, पुलिसकर्मी भरतसिंह, हीरालाल, कमल मीणा, शंकरलाल, वनपाल मांगीलाल, छणाराम, हरनाथ, समीचा सरंपच सतोष, केशरसिंह, हीरासिंह, फतहसिंह आदि मौजूद थे।
जिम्मेदार नहीं गंभीर
सोमवार को भी दो किशोरों ने ही सबसे पहले पैंथर को देखा। वह पिंजरे में कैद श्वान को देखने गए थे और उन्हें पैंथर नजर आ गया। ऐसा ही 19 जनवरी को हुआ था। यह बच्चों की बहादुरी कम जोखिम का काम ज्यादा है। लेकिन वनविभाग के कार्मिक इस बात को लगातार नजरांदाज कर रहे हैं। जिससे भी कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।
हमने पहले ही मनाकर रखा है कि बच्चों को पिंजरे के पास नहीं भेंजे। मैं पता करवाता हूं कि बच्चों को वहां किसने भेजा और क्यों?
कपिल चंद्रावल, डीएफओ राजसमंद